मानहानि मामला : अदालत ने मेधा पाटकर को 5 महीने जेल की सजा सुनाई

दिल्ली की एक अदालत ने सामाजिक कार्यकत्र्ता मेधा पाटकर को 23 साल पुराने मानहानि के एक मामले में 5 महीने

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सामाजिक कार्यकत्र्ता मेधा पाटकर को 23 साल पुराने मानहानि के एक मामले में 5 महीने के साधारण कारावास की सोमवार को सजा सुनाई। यह मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ उस वक्त दायर किया था जब वह (सक्सेना) गुजरात में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रमुख थे। मैट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। हालांकि, अदालत ने पाटकर को आदेश के खिलाफ अपील दायर करने का मौका देने को लेकर सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया।


‘प्रोबेशन’ पर रिहा करने के पाटकर के अनुरोध को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, तथ्यों.. नुक्सान, उम्र और बीमारी (आरोपी की) को देखते हुए, मैं अधिक सजा सुनाने के पक्ष में नहीं हूं। इस अपराध के लिए अधिकतम 2 वर्ष तक की साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। गत 24 मई को अदालत ने कहा था कि सक्सेना को ‘देशभक्त नहीं, बल्कि कायर कहने वाला और हवाला लेन-देन में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाने संबंधी पाटकर का बयान न केवल अपने आप में मानहानि के समान है, बल्कि इसे नकारात्मक धारणा को उकसाने के लिए गढ़ा गया था। सजा पर अदालत में बहस 30 मई को पूरी हो गई थी, जिसके बाद फैसला 7 जून को सुरक्षित रख लिया गया था।

- विज्ञापन -

Latest News