नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून, 2024 को भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता की समीक्षा करने के लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पूर्वी नौसेना कमान का दौरा किया और आईएनएस जलाश्व पर ‘समुद्र में एक दिन’ बिताया। लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह राजनाथ सिंह की पहली बाहरी यात्रा थी। ‘समुद्र में एक दिन’ के दौरान, रक्षा मंत्री ने कमान के विभिन्न जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों द्वारा गतिशील संचालन को देखा, जिसमें भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता और तैयारियों का प्रदर्शन किया गया। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर भी थे।
पूर्वी बेड़े के अधिकारियों और नाविकों के साथ बातचीत करते हुए, राजनाथ सिंह ने परिचालन के लिए तैयार रहने और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में पहली प्रतिक्रिया देने वाले के रूप में उभरने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें क्षेत्र के हमारे मित्र देश सुरक्षित रहते हैं और आपसी प्रगति के पथ पर एक साथ आगे बढ़ते हैं।
रक्षा मंत्री ने देश के विकास और अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसके कद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय नौसेना को श्रेय दिया। उन्होंने मार्च 2024 में अरब सागर में नौसेना के साहसिक बचाव अभियान का विशेष उल्लेख किया, जब इसने 23 पाकिस्तानी नागरिकों को सोमाली समुद्री डाकुओं से मुक्त कराया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन मानवता के साथ-साथ नौसेना कर्मियों में निहित मूल्यों का प्रदर्शन था, जो उनकी राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना सभी की सहायता के लिए आते हैं। यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित कर रही है और शांति और समृद्धि को बढ़ावा दे रही है।
मुक्त नौवहन, नियम-आधारित विश्व व्यवस्था, समुद्री डकैती विरोधी और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना हमारे सबसे बड़े उद्देश्य हैं। नौसेना इन्हें पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राजनाथ सिंह ने कहा, भारत अपनी बढ़ती ताकत के साथ इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे विश्व को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने नौसेना की बढ़ती ताकत पर प्रकाश डाला जो भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि भारत के वाणिज्यिक हित आईओआर से जुड़े हुए हैं और नौसेना व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करते हुए समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित सरकार के लिए सर्वोपरि है और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
रक्षा मंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले पूर्वी नौसेना कमान के दौरे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पहला दौरा हमेशा विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह सरकार के भविष्य के दृष्टिकोण को दर्शाता है। “मैंने जून 2019 में रक्षा मंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया था। मैंने अप्रैल 2024 में फिर से दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा किया। हमारा उद्देश्य उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना था। चाहे वह बुनियादी ढांचे का विकास हो या दूर-दराज के क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना हो या सीमाओं पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना हो, हमने ये सभी उद्देश्य हासिल किए हैं।