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जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना में देरी केसीआर सरकार के रवैये के कारण: Amit Shah

आदिलाबाद (तेलंगाना): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना में देरी की आलोचना की और इसके लिए मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार रवैये को जिम्मेदार ठहराया। यहां “जन गर्जना” (पीपुल्स रोअर) नाम की एक सार्वजनिक सभा को सम्बोधित करते हुये शाह ने कहा कि केसीआर सरकार ने आदिवासी विश्वविद्यालय में रुचि नहीं दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप इसकी स्थापना में देरी हुई।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कई उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि विधायिकाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया और कृष्णा ट्रिब्यूनल नियमों में बदलाव किया गया जिससे तेलंगाना में पानी मुफ्त में उपलब्ध हो हो रहा है। शाह ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने 10साल के कार्यकाल के दौरान तेलंगाना के गरीबों, किसानों, दलितों और आदिवासियों के मुद्दों को नहीं सुलझाने के लिए भी केसीआर की आलोचना की। उन्होंने अपने बेटे केटीआर को मुख्यमंत्री बनाने पर केसीआर के फोकस का जिक्र किया।

शाह ने रजाकारों के खिलाफ लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तेलंगाना में अपनी उपस्थिति स्थापित करने का आह्वान किया। उन्होंने घोषणा की कि श्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जल्द ही राज्य में सत्ता में आएगी और पार्टी सदस्यों से तीन दिसंबर को हैदराबाद में भाजपा का झंडा फहराने का आग्रह किया। उन्होंने तेलंगाना में “डबल इंजन सरकार” की आवश्यकता पर जोर दिया और विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों, जैसे कि राम मंदिर का निर्माण, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, सर्जिकल स्ट्राइक और मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का जिक्र किया।श्री शाह ने गरीबों के कल्याण के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाया और इस संबंध में कथित निष्क्रियता के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों की आलोचना की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल भाजपा ही तेलंगाना को “आधुनिक रजाकारों” से बचा सकती है और उन्होंने टीकाकरण अभियान और जी-20 की मेजबानी के लिए वैश्विक मान्यता जैसे क्षेत्रों में मोदी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
सभा में केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी, भाजपा महासचिव तरुण चुघ, बंदी संजय कुमार, सोयम बापू राव, हंसराज अहीर, डॉ विवेक वेंकटस्वामी, एटाला राजेंदर, रमेश राठौड़, गुज्जुला प्रेमेंदर रेड्डी और कई अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

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