Delhi Dehradun Expressway : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। यह एक्सप्रेसवे यात्रा को सुगम बनाने और दिल्ली से देहरादून के बीच की यात्रा को कम समय में पूरा करने के लिए एक अहम परियोजना है। इस एक्सप्रेस वे के पहले चरण के उद्घाटन के बाद दिल्ली से देहरादून तक सड़क मार्ग से जाने वाले की यात्रियों को काफी राहत मिलेगी, यात्रियों को सुरक्षित व तेज यात्रा का अनुभव मिलेगा।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के कई फायदे होंगे। इस एक्सप्रेसवे के पूरे तरह से खुल जाने के बाद यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने के साथ-साथ समय की बचत होगी। सरकार के इस परियोजना का उद्देश्य यातायात में सुधार लाने के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास को गति देना है। इस एक्सप्रेस वे पर एशिया का सबसे लंबा 12 किमी लंबा एलिवेटेड वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनेगा। जहां से जंगली जानवरों के दर्शन भी हो सकते हैं। यह कॉरिडोर राजा जी नेशनल पार्क से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस वे पर 5 रेलवे ओवर ब्रिज, 110 वाहन अंडरपास, 76 किमी सर्विस रोड, 29 किमी की एलिवेटेड रोड, 16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट बनाए गए हैं।
दिल्ली से सड़क मार्ग से देहरादून जाने में अभी 6.5 घंटे का समय लगता है। लेकिन, इस एक्सप्रेस वे के पूरी तरह से खुलने के बाद दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी सिर्फ 210 किमी रह जाएगी और सफर को पूरा करने में सिर्फ 2.5 घंटे लगेंगे। एक्सप्रेस वे के पहले चरण में मंगलवार को 31.6 किमी की दूरी का उद्घाटन होने वाला है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से शुरू होकर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। यूपी से इस एक्सप्रेस वे पर जाने वालों को मंडोला के पास एंट्री प्वाइंट दिया गया है।
इस एक्सप्रेस वे की लंबाई 210 किलोमीटर है, जिसे चार फेज में बनाया जा रहा है। पहले फेज में अक्षरधाम से ईस्टर्न पेरिफेरल वे तक (31.6 किमी) किमी। दूसरे फेज में ईस्टर्न पेरिफेरल वे से सहारनपुर बाईपास तक (118 किमी)। तीसरे फेज में सहारनपुर बाईपास से गणेशपुर तक (41.8 किमी) और चौथे फेज में गणेशपुर से आशारोड़ी चौक देहरादून तक (19.785 किमी)। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी। दिल्ली में एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले यात्रियों को टोल का भुगतान नहीं करना होगा। दावा है कि इस एक्सप्रेस वे से पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे पर आपातकालीन सेवाएं, रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप मिलेंगे।
खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है, यहां हरियाली देखने को मिलेगी। जगह-जगह कैमरे लगाए जाएंगे जो वाहनों की स्पीड पर नजर रखेंगे और तेज रफ्तार वाहनों के ऑनलाइन चालान भेजे जाएंगे।
इसके अलावा, वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगाए जाएंगे। यह सिस्टम सड़क दुर्घटना होने पर कंट्रोल रूम को सूचना भेज देंगे, ताकि समय रहते राहत और बचाव का कार्य किए जा सकें। एक्सप्रेसवे पर यात्री जगह-जगह रुकने की जगह, मनोरंजन, जलपान क्षेत्र के साथ इंटरचेंज जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर यातायात को आसान बनाएगा क्योंकि इसमें जगह-जगह अंडरपास, फ्लाईओवर और सर्विस रोड होंगे।