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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा दिर-पर-दिन और खराब होती जा रही है। शनिवार को यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। वहीं मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, शहर का 24 घंटे का औसत गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 304 (बहुत खराब) रहा जबकि शुक्रवार को यह 261 (खराब) में था।
वहीं गुरुवार को यह 256, बुधवार को 243 और मंगलवार को 220 था। पड़ोसी शहरों गाजियाबाद में AQI 291, फरीदाबाद में 272, गुरुग्राम में 252, नोएडा में 284 और ग्रेटर नोएडा में 346 दर्ज किया गया। AQI शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Delhi Environment Minister Gopal Rai) ने दिन में कहा था कि पड़ोसी राज्यों में अब तक दर्ज की गई पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की तुलना में कम हैं और शहर के वायु प्रदूषण (air pollution) में इन घटनाओं से उठे धुएं का समग्र योगदान कम होने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों के चलते प्रदूषण बढ़ सकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार, हर वर्ष पराली जलाने के सबसे अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार पंजाब में 2022 में पराली जलाने की 49,922 घटनाएं, 2021 में 71,304 घटनाएं एवं 2020 में 83,002 घटनाएं हुईं थीं। हरियाणा में 2022 में पराली जलाने की 3,661 घटनाएं दर्ज की गईं जो 2021 में 6,987 और 2020 में 4,202 ऐसी घटनाएं हुई थीं।
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने सर्दियों के मौसम के दौरान राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए 15-सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी जिसमें धूल, वाहन और औद्योगिक प्रदूषण पर लगाम लगाने पर विशेष बल दिया गया है। दिल्ली सरकार ने पिछले महीने शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी थी. सरकार ने नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर. के. पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी, द्वारका सहित पहचान किये गए अधिक प्रदूषण वाले कुल 13 जगहों के लिए प्रदूषण शमन योजना तैयार की है।