रांची : मानसून सीजन में झारखंड में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रांची, जमशेदपुर, खूंटी, हजारीबाग, धनबाद, पलामू और गढ़वा जिले में तकरीबन 100 लोग इसकी चपेट में हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इलाज चल रहा है। डेंगू और मलेरिया के पांव पसारने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग भी बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर गंभीर है और अलर्ट मोड में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक 76 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से कई लोग इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स और सदर अस्पताल में शनिवार दोपहर तक 28 मरीज डेंगू-मलेरिया के मिलते-जुलते लक्षणों के चलते भर्ती हुए।
रांची में रातू प्रखंड के पिर्रा इलाके में 24 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की सूचना है। खूंटी में भी सदर अस्पताल में करीब दो दर्जन लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से कई को हायर सेंटर रेफर किया गया। नौ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। यहां एक युवक की मौत भी हुई है। जमशेदपुर में अब तक आठ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। यहां जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित सर्वलिांस टीमें डेंगू की जांच के अभियान में जुटी हैं। अब तक 60 हजार से ज्यादा घरों में जांच की जा चुकी है, जिसमें से 360 घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। यहां मच्छर रोधी दवाइयों का छिड़काव किया गया है।
राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सिविल सजर्नों को डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। वेक्टर बोर्न डिजीज यानि वेक्टर जनित रोग के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 15 जुलाई से रांची और अन्य जिलों में डोर-टू-डोर सर्विलांस की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए तीन सौ कर्मयिों को ट्रेनिंग दी गई है।