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बंगाल में डेंगू की स्थिति खासी चिंताजनक, पर ज्यादा गंभीर नहीं : विशेषज्ञ

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में डेंगू की स्थिति को खासी चिंताजनक करार देते हुए राज्य के प्रमुख चिकित्सकों ने कहा कि इस साल मच्छर जनित बीमारी पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्थिति में जल्द सुधार होगा, क्योंकि समस्या पहले ही चरम पर पहुंच चुकी.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में डेंगू की स्थिति को खासी चिंताजनक करार देते हुए राज्य के प्रमुख चिकित्सकों ने कहा कि इस साल मच्छर जनित बीमारी पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्थिति में जल्द सुधार होगा, क्योंकि समस्या पहले ही चरम पर पहुंच चुकी है।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अपूर्बा घोष ने पीटीआई-भाषा को बताया, हालात निश्चित रूप से चिंताजनक है। लेकिन इसकी गंभीरता पिछले वर्षों की तरह नहीं है। मामले अधिक हैं क्योंकि लोग परीक्षण करवा रहे हैं। ज्यादातर मामले घर पर ही ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें शहर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (आईसीएच) में प्रतिदिन कम से कम छह से सात सकारात्मक मामलों की रिपोर्ट मिल रही है।

घोष के दावों का समर्थन करते हुए पीयरलेस मेडिकल अधीक्षक डॉ. सुदीप्त मित्र ने भी कहा कि मानसून कम होने के साथ मामलों में कमी आएगी। डॉ. मित्र ने कहा, हमारे यहां इस साल डेंगू की संख्या में उतार-चढ़ाव जारी है। लेकिन गंभीरता पिछले वर्षों के विपरीत है। मृत्यु दर कम है, क्योंकि लोग परीक्षण के लिए जा रहे हैं और मरीजों का इलाज समय पर करने में मदद मिल रही है। मैं इसे चिंताजनक स्थिति नहीं कहूंगा। उन्होंने कहा, पीयरलेस अस्पताल में प्रति सप्ताह औसतन 50 मरीज आ रहे हैं।

डॉ. अजरुन दासगुप्ता ने बंगाल में डेंगू की स्थिति को गंभीर रूप से चिंताजनक बताया और प्रशासन पर वास्तविक संख्या को दबाने का आरोप लगाया, जिससे चिकित्सकों के लिए उपचार करना मुश्किल हो गया।

डॉ. दासगुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, यह गंभीर रूप से चिंताजनक है। यह एक वार्षकि चलन बन गया है। हालांकि, मैं आंकड़ों को दबाने के प्रशासन के प्रयासों से हैरान हूं। इससे चिकित्सकों को बीमारी से लड़ने में मदद नहीं मिल रही है। सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ. अनिर्बान चट्टोपाध्याय ने स्थिति को चिंताजनक बताया, लेकिन कहा कि इस साल यह उतनी गंभीर नहीं है।

डॉ चट्टोपाध्याय ने कहा, इस साल डेंगू के मामले काफी चिंताजनक हैं। हमें हर दिन कई मरीज मिल रहे हैं और कई आईसीयू में हैं। लेकिन इस बार गंभीरता कम है। बड़ा अंतर यह है कि लोग समय पर परीक्षण के लिए जा रहे हैं। हालांकि, एएमआरआई के डॉ. सायन चक्रवर्ती की राय अन्य चिकित्सकों से भिन्न है। उनका मानना ??है कि आने वाले सप्ताह में डेंगू के मामले बढ़ सकते हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की है।

डॉ. चक्रवर्ती ने कहा, मुझे नहीं लगता कि डेंगू का खतरा कम है। वास्तव में, खतरा और बढ़ गया है। हमारी तीन इकाइयों में 90 से अधिक मरीज हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंगाल में डेंगू की स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में है और सरकार ने इससे निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए हैं।

अधिकारी ने कहा, बंगाल में स्थिति नियंत्रण में है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमने इससे निपटने के लिए सभी तरह के उपाय किए हैं। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मानसून कम होने से स्थिति में सुधार होगा। मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी ने मंगलवार को दावा किया कि मामलों की संख्या घट रही है और करीब 2,000 लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह में स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है।

राज्य सरकार ने सोमवार को डेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय जारी किए थे। इसने जिलों के अधिकारियों को एंटोमोलॉजिकल अलर्ट के आधार पर डेंगू प्रभावित सभी इलाके को तुरंत साफ करने के निर्देश दिेए तथा लोगों को उपायों का पालन नहीं करते पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी।

राज्य सरकार ने स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए उप-शहरी क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने के लिए भी कहा है। राज्य सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी ने जिलाधिकारियों को मलिन बस्तियों और डेंगू से प्रभावित इलाकों में मच्छरदानी वितरित करने का भी निर्देश दिया है। बैठक में पंचायती राज संस्थाओं के नवनिर्वाचित सदस्यों को उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। बयान के मुताबिक, स्थिति सामान्य होने तक राज्य में डेंगू प्रबंधन कार्यक्रम से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।

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