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भूमि अतिक्रमण के कारण सदियों पुराने दीमापुर रेलवे स्टेशन का विकास बाधित: एनएफआर के महाप्रबंधक

दीमापुर: पूवरेत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भूमि अतिक्रमण के कारण नगालैंड में सदियों पुराने दीमापुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित करने के काम में देरी हो रही है।एनएफआर के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि किसी भी तरह के विकास कार्य के लिये भूमि की आवशय़कता होती है, लेकिन दीमापुर में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के कारण रेलवे स्टेशन के पुर्निवकास का काम समय पर नहीं हो सका।

श्रीवास्तव ने कहा, केंद्र सरकार ने पहले ही दीमापुर रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय स्टेशन बनाने के लिए 280 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं, लेकिन भूमि अतिक्रमण के मुद्दों के कारण काम में देरी हो रही है। महाप्रबंधक ने सभी से रेलवे प्राधिकरण के साथ सहयोग करने की अपील की ताकि विकास कार्य बिना किसी बाधा के हो सके। उन्होंने कहा कि रेलवे ने नगालैंड सरकार को भूमि अतिक्रमण मुद्दे से अवगत कराया है।श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास सकारात्मक हैं क्योंकि उसने मामले का अध्ययन करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिये उच्च समिति का गठन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि नगालैंड की राजधानी कोहिमा को 2026 तक रेलवे से जोड़ दिया जाएगा, क्योंकि यह पूवरेत्तर राज्यों की सभी राजधानियों को रेलवे से जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।

पूवरेत्तर सीमांत रेलवे, डीआरएम लुमंिडग प्रेम रंजन कुमार ने कहा कि पहले दस्तावेजों के उचित सत्यापन के बाद अतिक्रमणकारियों की पहचान की जानी चाहिए, उसके बाद ही सरकार की सहायता से उन्हें वहां से हटाने की योजना बनाई जा सकती है।उन्होंने कहा कि रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से रह रहे लोगों को वहां से हटाने के लिये रेलवे के पास स्पष्ट रूपरेखा है, लेकिन उन्हें राज्य सरकार की आवशय़कता होगी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह अगस्त को दीमापुर रेलवे स्टेशन के पुर्निवकास की आधारशिला रखी थी। यह देश भर के उन 508 ??स्टेशनों में से एक है, जिनका आधुनिकीकरण अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत किया जाएगा। इस योजना के तहत पूवरेत्तर राज्यों के 56 रेलवे स्टेशनों का पुर्निवकास किया जाएगा।

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