नई दिल्ली: नई दिल्ली में आज DFCCIL (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) और गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य DFCCIL के हैवी हॉल इंस्टीट्यूट (एचएचआई) और गति शक्ति विश्वविद्यालय में “उत्कृष्टता केंद्र” स्थापित करना है, जो अनुसंधान, विकास और प्रशिक्षण में नए अवसर प्रदान करेगा।
समारोह में DFCCIL के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार, गति शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. मनोज चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस मौके पर गति शक्ति विश्वविद्यालय के 5 छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से DFCCIL में शामिल होने का अवसर मिला, जो शिक्षा और उद्योग के बीच बढ़ते तालमेल का प्रतीक है।
साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग
इस अवसर पर DFCCIL के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण कुमार ने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (एसएयू) के अध्यक्ष प्रो. के के अग्रवाल से भी मुलाकात की। उन्होंने शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर चर्चा की और संयुक्त रूप से एसएयू की नई वेबसाइट लॉन्च की। इस दौरान DFCCIL के एचएचआई इंस्टीट्यूट के प्रशिक्षण महाप्रबंधक कर्नल मयंक उपाध्याय भी उपस्थित रहे।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर: माल परिवहन की क्रांति
नोएडा स्थित DFCCIL का हेवी हॉल इंस्टीट्यूट देश में कुशल और सतत रेल माल परिवहन को प्रोत्साहित करने वाला एक विश्व स्तरीय संस्थान है। इसकी क्षमता 240 छात्रों से अधिक है। वर्तमान में DFCCIL कॉरिडोर पर प्रतिदिन 380 से अधिक मालगाड़ियां संचालित होती हैं। यह भारतीय रेल के कुल नेटवर्क का मात्र 4% है, लेकिन माल परिवहन का 14% से अधिक भार उठाता है।
दिसंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार, DFCCIL ने औसतन 577 मिलियन ग्रॉस टन किलोमीटर प्रतिदिन (GTKM) माल ढुलाई की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 55% अधिक है। यह उपलब्धि DFCCIL की प्रभावशीलता और देश के परिवहन क्षेत्र में उसके योगदान को रेखांकित करती है।