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धाराशिव निवासी ने कुनबी जाति प्रमाणपत्र सरकार को लौटाने का निर्णय लिया, पूरे मराठा समुदाय के लिए की आरक्षण की मांग छत्रपति

संभाजीनगर: महाराष्ट्र के धाराशिव से कुनबी जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले मराठा समुदाय के पहले व्यक्ति ने अपना प्रमाणपत्र अधिकारियों को लौटाने का निर्णय लिया है। सुमित माने नामक इस व्यक्ति का कहना है कि राज्य में मराठा समुदाय के सभी लोगों को यह लाभ दिया जाए। माने को बुधवार को धाराशिव जिले के अधिकारियों ने कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिया था। प्रमाणपत्र मिलने के कुछ घंटों के पश्चात माने ने कहा कि वह अधिकारियों को प्रमाणपत्र लौटा देगा और कहा कि सरकार केवल उसे यह फायदा दे रही है और उसके भाइयों को वंचित रख रही है तो यह उसे स्वीकार नहीं है।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार को राज्य के धाराशिव जिले के अधिकारियों ने मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र वितरित करने शुरू किए, जिसके साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल होने का उनका मार्ग प्रशस्त हो गया। इस तरह का पहला प्रमाणपत्र सबूत के आधार पर जिले के कारी गांव के सुमित माने को सौंपा गया। माने ने कहा, ‘‘ मुझे कुनबी जाति प्रमाणपत्र बुधवार को दिया गया। उस वक्त मैंने जिलाधिकारी को बता दिया था कि अगर ये प्रमाणपत्र पूरे मराठा सुमदाय को दिए जाएंगे तो ही मैं इसे स्वीकार करूंगा अथवा मैं इसे वापस कर दूंगा या जला दूंगा।’’

माने ने कहा, ‘‘अगर सरकार केवल मेरा पेट भर रही है और मेरे भाइयों को भूखा रख रही है तो यह मुझे स्वीकार्य नहीं होगा। इसे (कुनबी प्रमाणपत्र) सब को दो ,तभी मैं इसे स्वीकार करूंगा। मैंने इसे सरकार को लौटाने का निर्णय लिया है।’’ महाराष्ट्र कैबिनेट ने पिछले महीने फैसला किया था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे जिनके पास निजाम युग के ऐसे राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं जिनके जरिए कुनबी के तौर पर उनकी पहचान होती हो। कृषि से जुड़ा समुदाय कुनबी महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और इसे शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला हुआ है।

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