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त्योहारों को बदलने की बजाय अपने व्यवहार को बदलने पर ध्यान देना जरूरी : धीरेंद्र शास्त्री

Dheerendra Shastri on Holi : होली के त्योहार से पहले देश भर में चल रही बयानबाजियों के बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि होली कोई विवादास्पद मुद्दा नहीं है, बल्कि यह रंगों और उमंग का त्योहार है। इस बार होली का उत्सव बागेश्वर बालाजी के संग मनाया जा रहा है और देश भर के लोग इसमें शामिल हो रहे हैं।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बार 14 मार्च को रंग भरी होली होगी और यह तीन दिवसीय उत्सव का हिस्सा है। होली का त्योहार खासतौर पर उत्साह और उमंग से भरपूर होता है। इस उत्सव को इस तरह से मनाना चाहिए कि हम 364 दिन पानी बचाकर, होली के दिन उत्साह और खुशी के साथ इसे मनाएं।

उन्होंने समाज को संदेश देते हुए कहा कि हमें त्योहारों को बदलने की बजाय अपने व्यवहार को बदलने पर ध्यान देना चाहिए। होली का रंग जीवन में उमंग और खुशियां लाने के लिए होता है, न कि किसी के दुखों का कारण बनने के लिए। होली के उमंग में ऐसा रंग न लगाएं, जो आपके जीवन के उत्साह को फीका कर दे और दूसरों के दिल को ठेस पहुंचाए।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि होली की मस्ती में हमें किसी भी तरह की दुश्मनी और विवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। समाज में कुछ लोग अपने निजी हितों के चलते होली के रंगों का गलत उपयोग कर सकते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है, जो होली के रंग में किसी प्रकार की नफरत फैलाने की कोशिश करें। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर संभव हो तो फूलों के रंगों से होली मनाना बेहतर होगा। इसके साथ ही, उन्होंने हानिकारक रंगों से बचने की सलाह दी। हमें होली का उत्सव इस तरह से मनाना चाहिए, जो किसी की आत्मा या दिल को ठेस न पहुंचाए।

इस दौरान, उन्होंने अपने अनुयायियों से यह भी अपील की कि होली का उत्सव सावधानी से मनाएं, ताकि यह खुशी और उमंग का पर्व बने, न कि किसी के लिए कष्ट का कारण। उन्होंने इस मौके पर एक नए जीवन में नई उमंग लाने का संकल्प लेने की बात की, ताकि होली का त्योहार सचमुच में जीवन में खुशियां और सकारात्मकता लाए।

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