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दिव्‍यांगजनों की असाधारण प्रतिभाओं का प्रदर्शन करता है “दिव्य कला शक्ति” सांस्कृतिक कार्यक्रम.

अहमदाबाद : दिव्‍यांगजनों के सशक्तिकरण विभाग ने गुजरात के अहमदाबाद में अपने समग्र क्षेत्रीय केंद्र के माध्यम से अहमदाबाद के प्रतिष्ठित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में समावेशिता और कलात्मक कौशल के उत्सव के रूप में शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम “दिव्य कला शक्ति” प्रस्तुत किया। विभाग के केंद्रीय समग्र क्षेत्रीय केंद्र अहमदाबाद के आयोजन में इस अद्वितीय.

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अहमदाबाद : दिव्‍यांगजनों के सशक्तिकरण विभाग ने गुजरात के अहमदाबाद में अपने समग्र क्षेत्रीय केंद्र के माध्यम से अहमदाबाद के प्रतिष्ठित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में समावेशिता और कलात्मक कौशल के उत्सव के रूप में शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम “दिव्य कला शक्ति” प्रस्तुत किया।

विभाग के केंद्रीय समग्र क्षेत्रीय केंद्र अहमदाबाद के आयोजन में इस अद्वितीय कार्यक्रम ने दिव्यांग व्यक्तियों की छिपी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, उनकी रचनात्मकता को दुनिया के सामने लाया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में पूरे गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें कुल 100 दिव्यांग कलाकार शामिल थे, जिन्होंने मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन के साथ मंच संभाला।

भाव-विभोर करने वाले समूह नृत्य से लेकर मनमोहक एकल प्रदर्शन, मधुर समूह गीत से लेकर मनमोहक एकल प्रस्तुति और विशेष कला प्रदर्शन तक – “दिव्य कला शक्ति” प्रतिभागियों की उल्लेखनीय क्षमताओं का एक प्रमाण था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री नारायणस्वामी और अहमदाबाद के पूर्व संसद सदस्य हसमुख भाई सोमाभाई पटेल सहित विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्‍होंने विविध क्षमताओं वाले दिव्‍यांगजनों को सशक्‍त बनाने के महत्‍व पर जोर दिया।

तिभागियों को उनकी असाधारण प्रतिभा के सम्मान के प्रतीक के रूप में कुल 300,000 रुपये के चेक प्रदान किए गए। इस सम्‍मान समारोह ने न केवल उनकी कलात्मक उपलब्धियों को स्वीकार किया बल्कि विविधता का जश्न मनाने वाले एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने के महत्व को भी रेखांकित किया। “दिव्य कला शक्ति” प्रेरणा की एक किरण के रूप में, बाधाओं को तोड़ती है और प्रत्येक व्यक्ति के भीतर मौजूद असीमित क्षमता का प्रदर्शन करती है। इस सांस्कृतिक उत्सव ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि दिव्यांगजनों की विविध प्रतिभाओं के लिए गहरी समझ और सराहना को बढ़ावा देते हुए दर्शकों के दिलों को समृद्ध भी किया।

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