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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114तिरुवनंतपुरमः मेडिकल बोर्ड द्वारा एक पुलिस जांच रिपोर्ट को खारिज करने के एक हफ्ते बाद, जिसमें हर्षनिा के दावे की पुष्टि की गई थी कि उसके पेट में पाई गई कैंची 2017 में सिजेरियन सेक्शन के दौरान कोङिाकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा छोड़ी गई थी, महिला (हर्षनिा) ने बुधवार को यहां राज्य सचिवालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया। अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले मीडिया से बात करते हुए हर्षनिा ने वायनाड से अपने स्थानीय सांसद राहुल गांधी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने पिछले सप्ताह अपने निर्वाचन क्षेत्र में उनसे मिलने के लिए समय निकाला और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की हैं।
हर्षनिा ने कहा कि हालांकि, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज मेरी मदद करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। अब जब मैंने यहां अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है, तो मैं मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करूंगी क्योंकि मैं लंबे समय से पीड़ित हूं और मेरी शिकायतों का समाधान नहीं किया गया है।
विजयन को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने हर्षिना की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षति किया है। राहुल गांधी ने विजयन को लिखा, ’मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि गंभीर चिकित्सा लापरवाही के ऐसे मामलों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा उपाय करें और प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करें ताकि पीड़ितों को न्याय के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न होना पड़े। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप उनके मामले को देखें और उसे पर्याप्त मुआवजा दें।’
मेडिकल बोर्ड ने पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें सजर्री के समय कोङिाकोड मेडिकल कॉलेज में हुई गंभीर खामियां पाई गई थीं। इसलिए हर्षनिा ने अपना विरोध प्रदर्शन अपने गृह नगर कोझिाकोड से राज्य की राजधानी में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। पुलिस रिपोर्ट में कोङिाकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दो डॉक्टरों और दो नर्सगिं स्टाफ को इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसे मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि हर्षनिा लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और मार्च में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद उन्होंने विरोध प्र्दशन खत्म कर दिया था। लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने फिर से विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।