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लखनऊ के डॉक्टरों ने सजर्री कर महिला का 15 सेमी बड़ा दुर्लभ पित्ताशय निकाला

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डॉक्टरों की एक टीम ने 35 वर्षीय एक महिला के शरीर से 15 सेमी से भी अधिक के आकार का दुर्लभ पित्ताशय (गॉलब्लैडर ) निकाला। इससे महिला को नया जीवन मिला। शालिनी तिवारी पेट में तेज दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचीं। उनके अल्ट्रासाउंड से पित्ताशय में पथरी की बीमारी का पता चला। उनकी सजर्री के दौरान, डॉक्टरों ने पाया कि पथरी के अलावा, उनका पित्ताशय भी बहुत बड़ा था।

लखनऊ सिविल अस्पताल में जनरल सजर्न डॉ. सुरम्य पांडे ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, ‘ऑपरेशन के दौरान हमें पता चला कि मरीज का पित्ताशय बहुत बड़ा है, जिसका आकार 15 सेमी से भी बड़ा है। पित्ताशय का सामान्य आकार लगभग 7-8 सेमी होता है। विशाल कोलेसिस्टेक्टोमी नामक सजर्री दुर्लभ है। दुनिया भर में अब तक केवल 9 मामले ही सामने आए हैं। ‘डॉक्टर ने कहा कि टीम ने मरीज को अच्छे से मैनेज किया और बिना किसी परेशानी के सजर्री हुई। डॉक्टर ने बताया कि मरीज को ऑपरेशन के बाद बिना किसी परेशानी के पांच दिन बाद छुट्टी दे दी गई।

बता दें कि पित्ताशय नाशपाती के आकार का एक अंग है, जो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लीवर के ठीक नीचे स्थित होता है। यह लीवर में बनने वाले पाचन द्रव को इकट्ठा और संग्रहीत करता है, जिसको पित्त कहा जाता है। विशाल पित्ताशय एक दुर्लभ स्थिति है, जो कोलेसिसटाइटिस के कारण हो सकती है। इसमें पित्ताशय की थैली की लालिमा और सूजन, पित्त पथरी, पित्ताशय की थैली का कैंसर या अन्य रोग हो सकता है। यह किसी भी उम्र के रोगियों में विकसित हो सकता है और पेट के टय़ूमर जैसा हो सकता है।

पित्ताशय की थैली की समस्या वाले लोगों को पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में या छाती की हड्डी के ठीक नीचे पेट के बीच में अचानक, गंभीर और तेज दर्द का अनुभव हो सकता है। उन्हें कंधे की हड्डियों के बीच पीठ दर्द और दाहिने कंधे में दर्द जैसी अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

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