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क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं : राहुल गांधी

वाशिंगटन: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मो, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सोमवार को वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय-अमरीकी समुदाय के सैंकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है।’ राहुल ने वहां पहली पंक्ति में दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति से पूछा, ‘मेरे पगड़ीधारी भाई आपका क्या नाम है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी धर्मो के लिए है।’

राहुल गांधी वर्तमान में अमरीका की 4 दिवसीय यात्र पर हैं। शनिवार से शुरू हुई उनकी यात्र का पहला पड़ाव डलास था और वह सोमवार को वाशिंगटन पहुंचे। उन्होंने आरएसएस की नीतियों और भारत के संदर्भ में उसके दृष्टिकोण की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘आरएसएस वस्तुत: यही कहता है कि कुछ राज्य दूसरे राज्यों से कमतर हैं। कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से तुच्छ हैं। कुछ धर्म दूसरे धर्मो से कमतर हैं। कुछ समुदाय दूसरे समुदायों से हीन हैं। इसी बात की लड़ाई है।’ कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस बार भारत में आम चुनाव के नतीजों ने ‘मोदी का विचार’ ध्वस्त कर दिया और प्रधानमंत्री द्वारा पैदा किया गया ‘डर’ गायब हो गया तथा ‘इतिहास’ बन गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सभी को समान अवसर उपलब्ध नहीं थे और उन्होंने दावा किया कि भाजपा की अगुवाई में सत्तारूढ़ गठबंधन ध्वस्त हो गया, ‘एकदम बीच से’ टूट गया।

राहुल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद चीजें बदल गई हैं। उन्होंने कहा, ‘मोदी द्वारा पैदा किया डर एक सैकेंड में गायब हो गया। उस डर को पैदा करने में कई साल लग गए, बहुत सारी योजनाएं बनाई गई और काफी पैसा लगाया गया लेकिन इसे खत्म होने में केवल एक सैकेंड लगा।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और अभी ऐसा नहीं है। यहां विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा। इस पर उन्होंने कहा, ‘जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करते बल्कि उनसे उनकी वैचारिक लड़ाई है और वह इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी का अपना एक दृष्टिकोण है और मैं इससे असहमत हूं, लेकिन मैं उससे नफरत नहीं करता।

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