जम्मू : शहरी योजना की कमी और वाहन चालकों के कानून के प्रति बेपरवाह रवैये ने पूरे जम्मू शहर को एक बड़े पार्किंग स्थल में तब्दील कर दिया हैं जहां पर हर जगह वाहन खड़े दिख जाते हैं और ट्रैफिक जाम की स्थिति रोज की समस्या है। कारोबारी अरविंद कौल ने कहा, ‘‘जम्मू में पार्किंग स्थल नहीं होने की वजह से अधिकतर सड़कें वाहन खड़ा करने की जगह बन गई हैं। शहर के पुराने हिस्से में स्थिति और खराब है। गलत पार्किंग की वजह से ट्रैफिक जाम सामान्य बात हो गई है।’’ लचर शहरी योजना ने भी यात्रियों की मुश्किल में इजाफा किया है।
कौल ने कहा, ‘‘अधिकतर सड़कों के हिस्से में ही फुटपाथ बना दिए जाने की वजह से सड़के और संकरी हो गई हैं और ट्रैफिक जाम लगता है।’’ अधिकारी इस पूरी समस्या के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते हैं कि वे यातायात नियमों के प्रति बेपरवाह है। जम्मू नगर निगम के महापौर रजिंदर शर्मा ने कहा, ‘‘यह लोगों के व्यवहार संबंधी समस्या है। इसे बदलने में समय लगेगा। मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे तय स्थान पर उचित तरीके से वाहनों की पार्किंग करें।’’ जम्मू के महापौर ने कहा कि जम्मू नगर निगम की योजना लोगों के लिए और पार्किंग की सुविधा विकसित करने की है।
शहर के पुराने हिस्से खासतौर पर डोगरा हॉल, जैन बाजार, राज तिलक रोड, परेड, लिंक रोड, पुरानी मंडी, जानीपुर, सरवाल और न्यू प्लाट और पुराने शहर के आसपास के इलाकों में स्थिति और विकराल है जहां पर वाहन चालकों द्वारा तेज आवाज में हॉर्न बजाना आम समस्या है। गृहिणी निधि बताती हैं, ‘‘पुराने शहर की सड़कों पर चलना मुश्किल है। शहर के उस हिस्से में जाना किसी यातना से कम नहीं है। यातायात पुलिस और जम्मू नगर निगम पैदल यात्रियों को इस यातना से बचाने के लिए कोई कदम उठाने में असफल रहे हैं।’’ डोगरा हॉल के कारोबारी अंकुश शर्मा ने कहा कि गलत पार्किंग, संकरी सड़कों और रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा अवैध अतिक्रमण की वजह से शहर की यातायात समस्या ने विकराल रूप ले लिया है।
कच्ची छावनी और सिटी चौक में मल्टी लेवल पार्किंग उपलब्ध है लेकिन अबतक इनका पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं हो रहा है क्योंकि लोगों को जहां तहां गाड़ी खड़ी करना आसान लगता है। अवर पुलिस अधीक्षक (यातायात) राज पॉल सिंह ने कहा कि पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है और जुर्माना लगा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही चालान की संख्या आधे के करीब पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया, ‘‘पिछले साल गलत जगह पार्किंग करने पर कुल 34,518 चालान किए गए थे जबकि इस साल 28 मार्च तक ही 20,350 चालान किए जा चुके हैं।’’