एलन मस्क ने EVM की विश्वसनीयता पर फिर से छेड़ दी बहस, जानिए क्या है पूरा मामला

मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में ईवीएम को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा, “भले ही यह छोटा हो, लेकिन मानव या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा ईवीएम को हैक करने का जोखिम अभी भी अधिक है।”

नयी दिल्ली: बिजनेस टायकून और निवेशक एलन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता को लेकर पहले से चल रही बहस के बीच ईवीएम को खत्म करने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव से इन मशीनों को हैक किए जाने का जोखिम अभी भी अधिक है।

मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में ईवीएम को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा, “भले ही यह छोटा हो, लेकिन मानव या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा ईवीएम को हैक करने का जोखिम अभी भी अधिक है।”

उल्लेखनीय है कि मस्क प्यूर्टो रिको के चुनाव में मशीन में कथित विसंगतियों की खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। चुनाव के दौरान मशीन में एक सॉफ्टवेयर से संबंधित समस्या का पता चला था, जिसके कारण मशीनों ने वोटों की कुल संख्या की गलत तरीके से गणना की थी।

मस्क की ईवीएम को लेकर की गई टिप्पणी के बाद भारत में भी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बहस में शामिल होकर ईवीएम को ‘ब्लैक बॉक्स’ बताया और कहा,“भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है और किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। इसको लेकर हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं।” उन्होंने कहा, “जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।”

वहीं, पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक बहुत बड़ा, व्यापक कथन है, जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता… ‘गलत।’

चंद्रशेखर ने कहा, “एलन मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीनों के निर्माण के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाले कंप्यूट प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं। लेकिन, भारतीय ईवीएम कस्टम डिज़ाइन किए गए हैं, सुरक्षित हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं। भारतीय ईवीएम की किसी भी नेटवर्क से कोई कनेक्टिविटी नहीं होती है। यह न तो ब्लूटूथ न वाईफ़ाई और न ही इंटरनेट से कनेक्ट होता है। इसका मतलब है कि यहां के ईवीएम में छेड़छाड़ होने का कोई रास्ता नहीं है। फ़ैक्टरी प्रोग्राम्ड कंट्रोलर फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है।”

पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से डिज़ाइन किया जा सकता है और बनाया जा सकता है जैसा कि भारत ने किया है। उन्होंने कहा,“हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी एलन…।”

गौरतलब है कि वर्ष 2024 के संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े किए गए थे और इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में याचिका भी दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान ईवीएम की विश्वसनीयता को बरकरार रखा और इसे राष्ट्र की उपलब्धि और भारतीय डेवलपर्स की कड़ी मेहनत करार दिया।

- विज्ञापन -

Latest News