Establishment Film City In Bihar : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कला, संस्कृति और युवा मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज कहा कि राज्य में फिल्म सिटी की स्थापना से फिल्म और मनोरंजन उद्योग में क्रांति आएगी। उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मलेन में कहा कि बिहार जो अपनी समृद्ध संस्कृति, इतिहास और कलात्मक परंपराओं के लिए जाना जाता है, एक विश्वस्तरीय फिल्म सिटी की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान है। 200 एकड़ में फैला यह प्रोजेक्ट क्षेत्र की फिल्म और मनोरंजन उद्योग में क्रांति ला सकता है और साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकता है, जिससे रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना के लिए केंद्र से 200 करोड़ की सहायता बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रस्तावित की जा रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना मीडिया शिक्षा को सशक्त बनाने और राज्य की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल फिल्म निर्माण, अभिनय, सिनेमैटोग्राफी, साउंड डिजाइन और एडिटिंग में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिससे उभरते कलाकारों को उद्योग से जुड़ी कौशल क्षमता मिलेगी। साथ ही, यह प्रशिक्षकों, तकनीशियनों और स्थानीय प्रतिभाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा और सहायक उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेगा।
फिल्म महोत्सवों और मीडिया कार्यक्रमों की मेजबानी से फिल्म निर्माताओं और पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा, जिससे राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। यह केंद्र बिहार की रचनात्मकता को सशक्त करेगा, आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और राज्य को मीडिया शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और नवाचार के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि बिहार में फिल्म स्टूडियो और लैबोरेटरी की स्थापना का उद्देश्य राज्य को भारतीय फिल्म उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। यह प्री प्रोडक्शन प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रियाओं के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। ये सुविधाएं फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करेंगी, उत्पादन लागत को कम करेंगी और सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग और विजुअल इफेक्ट्स जैसे क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षित करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। लैबोरेटरी क्षेत्रीय फिल्मों का संग्रह और पुनस्र्थापन करके बिहार की फिल्मी विरासत को संरक्षित करने में सहायक होगी।
फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देकर यह परियोजना पर्यटन को प्रोत्साहन देगी, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी, और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाएगी। यह क्षेत्रीय फिल्म निर्माताओं को बिहार की कहानियों और परंपराओं को प्रदर्शित करने वाले कंटेंट के निर्माण के लिए प्रेरित करेगी, जिससे भारतीय सिनेमा की विविधता को समृद्धि मिलेगी। फिल्म क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने से आतिथ्य और परिवहन जैसे सहायक उद्योगों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।