Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

महाकुंभ के लिए भगवा रंग में रंगी जाएंगी इटावा रीजन की बसें, 100 चालकों की भर्ती भी होगी

Etawah Region Buses : प्रयागराज महाकुंभ मेले में इटावा रीजन की 410 स्पेशल बसें कुंभ आने जाने वाले यात्रियों के लिए लगाई जाएंगी। इन सभी बसों को भगवा रंग में रंगा जाएगा। इसका काम रोडवेज निगम के वर्कशॉप में शुरू कर दिया गया है।

करीब 45 दिन चलने वाले महाकुंभ के लिए परिवहन निगम युद्ध स्तर से तैयारियों में जुटा हुआ है। इटावा रीजन में कुल 489 बसें हैं, इसमें से करीब 181 बसें पहले से ही भगवा रंग में रंगी हुई हैं। शेष का रंग रोगन किया जा रहा है। 50 अतिरिक्त नई बसें साधारण यात्रियों के लिए मुख्यालय से मांगी गई हैं। इसी के साथ 100 संविदा चालकों की भर्ती की जानी है।

यह जानकारी इटावा परिक्षेत्र के प्रबंधक उमेश सीएस आर्य ने दी। उन्होंने बताया कि इस महाकुंभ मेले में जिले से दूसरे चरण में 22 जनवरी से सात फरवरी तक 229 बसें सीधे प्रयागराज के लिए दौड़ेंगी। वर्तमान में सभी बसों का कायाकल्प किया जा रहा है। कायाकल्प के बाद सभी बसों का भगवा कलर में रंग-रोगन किया जाएगा। इटावा रीजन में 181 बसें पहले से भगवा रंग में विभिन्न मार्गों पर दौड रहीं हैं।

उन्होंने आगे बताया कि इटावा रीजन में आठ डिपो हैं। इसमें इटावा समेत सैफई, मैनपुरी, बेबर, छिबरामऊ, फर्रुखाबाद, शिकोहाबाद फिरोजाबाद हैं। इन सभी डिपो से कुंभ मेले में आवश्यकता अनुसार बसें ली जाएंगी। साथ ही कुंभ स्नान करने वाले इटावा जिले के साथ आसपास जिले के लोगों को सीधे प्रयागराज जाने के लिए सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए 100 अतिरिक्त संविदा चालकों की भी भर्ती की जाएगी। इसके लिए उनका साक्षात्कार करके उनको ट्रेनिंग के लिए कानपुर भेजा जाएगा।

महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, सामाजिक एकता और श्रद्धा का भी प्रतीक है। इस बार महाकुंभ मेला 2025 में प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ था।

इस बार पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू होने वाला है, वहीं 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर इसका समापन होगा।

महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत भी जुटते हैं। इस दौरान वह हवन, पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। महाकुंभ में कुछ विशिष्ट दिनों को शाही स्नान के रूप में मनाया जाता है। इसमें श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है।

Exit mobile version