किसान हमारे अन्नदाता, सरकार उनसे मुद्दों पर हर समय बातचीत करने को तैयारः Anurag Thakur

केन्द्र सरकार ने किसानों को 'अन्नदाता' और 'भाई' कहते हुये गुरुवार को कहा कि वह फसलों के न्यूनतम

नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने किसानों को ‘अन्नदाता’ और ‘भाई’ कहते हुये गुरुवार को कहा कि वह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर आन्दोलन कर रहे किसानों से बातचीत को तैयार है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज कहा, “केन्द्र आंदोलनकरी किसानों से बातचीत करने को तैयार है। किसान हमारे ‘अन्नदाता’ और ‘भाई’ हैं।” ठाकुर ने राजधानी में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये हैं।


उन्होंने कहा, “हम पहले भी उनसे बातचीत के लिये तैयार थे और आज भी तैयार हैं तथा भविष्य में भी उनके विषयों पर बातचीत को तैयार रहेंगे।” उन्होेंने कहा कि मोदी सरकार के दौर में एमएसपी दोगुना हो गया है और खरीद भी दोगुने से अधिक हो रही है।
मंत्री ने गन्ने का उचित एवं लाभदायक मूल्य बढ़ाने के केन्द्र के फैसले का उल्लेख करते हुये कहा कि भारत दुनिया में गन्ने का सबसे ज्यादा मूल्य दे रहा है। उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल ने गन्ना विपणन वर्ष 2024-25 के लिये बुधवार को गन्ने की उचित और लाभदायक दर आठ प्रतिशत बढ़ाकर प्रति क्विंटल 340 रुपये तय किया है।


श्री ठाकुर ने कहा कि गन्ने की यह दर ए2+ फॉर्मूले के अनुसार, लागत से 107 प्रतिशत ऊंची है। ए2 फॉर्मूले में खाद्य बीज, रसायन, मजूदरी, सभी खर्चे शामिल होते हैं जबकि ए2+ पारिवारिक श्रम फॉर्मूले में खेती की वास्तविक लागत और परिवार के श्रम की लागत शामिल होती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने दस साल में एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिये 18.39 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं। जिनमें धान और गेंहू के साथ-साथ तिलहन और दलहनों की खरीद भी शामिल है। इससे पहले, संप्रग सरकार के दस साल में एमएसपी पर 5.5 लाख करोड़ रुपये व्यय किये गये थे।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में उर्वरकों के दाम बढ़ने के बावजूद भारत में सरकार ने इनकी कीमत नहीं बढ़ने दी, ताकि किसानों पर कोई बोझ न बढ़ें।

- विज्ञापन -

Latest News