नयी दिल्ली: केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) के खिलाफ किसान 24 से 26 मार्च तक पटना में विरोध-प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
मसौदा नीति के अनुसार, इसका उद्देशय़ ‘‘देश में एक जीवंत विपणन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है, जिसमें सभी श्रेणियों के किसान अपनी फसल की खातिर सवरेत्तम मूल्य हासिल करने के लिए अपनी पसंद का बाजार चुन सकें।’’ अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले माह एनपीएफएएम को तीनों कानूनों से ‘‘ज्यादा खतरनाक’’ बताया था।
शुक्रवार को एक बयान में कहा गया कि 11 फरवरी को बिहार के मसौढ़ी में आयोजित महापंचायत ने 24 से 26 मार्च तक पटना में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है।
बयान के अनुसार, उनकी मांगों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में एनपीएफएएम को खारिज करने का प्रस्ताव पारित करना, गारंटीकृत खरीद के साथ ‘सी2+50 प्रतिशत’ पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त करना और व्यापक ऋण माफी शामिल है।