नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जवारेह सोली पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच के दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत 41.64 करोड़ रुपये की तीन अचल संपत्तियां जब्त की हैं।ये संपत्तियां मुंबई के वर्ली में सीजय हाउस में स्थित हैं।ईडी जवारेह पूनावाला और उसके परिवार के खिलाफ फेमा के प्रावधानों के तहत लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के दुरुपयोग के एक मामले की जांच कर रहा है। उसका नाम पनामा पेपर्स में विदेशी कंपनियों के बारे में खुलासे में सामन आया था।
ईडी की जांच से पता चला है कि पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों ने एलआरएस योजना के प्रावधानों का गलत इस्तेमाल कर विदेशी मुद्रा बाहर भेजी थी।ईडी ने कहा, “उन्होंने अधिकतम सीमा का उपयोग करते हुए वर्ष 2011-12 से ‘पारिवारिक रखरखाव और अपने-रखरखाव’ की गलत घोषणाओं के माध्यम से विदेश में पैसा भेजा जबकि उनके परिवार का कोई भी सदस्य विदेश में नहीं रह रहा था या एनआरआई का दर्जा प्राप्त नहीं था।”
एलआरएस के तहत पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रेषित पूरे धन को ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड स्थित स्टैलास्ट लिमिटेड में निवेश किया गया था।पूनावाला और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रेषित धन का उपयोग स्टैलास्ट लिमिटेड द्वारा ब्रिटेन में चार संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया था। इन संपत्तियों में लंदन के पैडिंगटन में चार अपार्टमेंट शामिल हैं। एजेंसी ने कहा कि इन लेन-देन में कई फेमा उल्लंघन पाए गए।
ईडी के अनुसार, प्रेषण में गलत घोषणाओं के अलावा पूनावाला और उसके परिवार के सदस्यों ने गलत तरीके से इन निवेशों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के रूप में दिखाया; वास्तव में विदेशी कंपनी पूरी तरह से उनके द्वारा नियंत्रित थी। आरबीआई को विदेश में स्थित उनकी संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी।
ईडी ने कहा, “आरबीआई को रिपोर्टिंग आवश्यकताओं से बचने के लिए एलआरएस के तहत प्रेषित धन के माध्यम से विदेशों में संपत्ति खरीदी गई थी। इस प्रकार, जवारेह पूनावाला ने एलआरएस का गलत उपयोग किया है। इसलिए, फेमा की धारा 37अ के प्रावधानों के तहत भारत में उनके पास मौजूद संपत्तियों के बराबर मूल्य को जब्त कर लिया गया है।”