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Budget 2025: शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर वित्त मंत्री ने की बड़ी घोषणा, मिलेंगी ये खास सुविधाएँ

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में आईआईटी को लेकर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने ऐलान किया है कि आईआईटी की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा करते हुए कहा कि पांच आईआईटी में एडिशनल इंफ्रास्ट्रर बनाया जाएगा। इसके साथ ही आईआईटी पटना का विस्तार भी किया जाएगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा-

‘कौशल और उच्च स्तरीय शिक्षा में निवेश मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वल्र्ड विनिर्माण के लिए आवश्यक है, युवाओं को कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, 2014 के बाद से आरंभ किए गए पांच आईआईटी में 6500 अतिरिक्त छात्रों को शिक्षा सुविधा देने के लिए एडिशनल इंफ्रास्ट्रर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया, ‘500 करोड़ रुपये के व्यय के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन आर्टफिशियल इंटेलिजेंस फॉर एजुकेशन की स्थापना की जाएगी। साथ ही, आगामी पांच वर्षों में अतिरिक्त 75,000 सीटों की वृद्धि के लक्ष्य के साथ, अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटों को जोड़ा जाएगा।‘

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की बड़ी घोषणा-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को लेकर बड़ी घोषणा की है। उन्होंने बताया, ‘जिज्ञासा, नवाचार और युवा मस्तिष्कों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए आगामी पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सेकेंडरी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी। स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।‘

जिला अस्पतालों में मिलेंगी सुविधाएँ-

उन्होंने कहा, ‘आगामी तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारे विकास के ट्रैक रिकॉर्ड और ढांचागत सुधारों ने विश्व का ध्यान हमारी ओर खींचा है। इस अवधि के दौरान, भारत की योग्यता और सामर्थ्य में भरोसा बढ़ा है।

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