नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को संगठित क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नए कामगारों के लिए ईपीएफओ के जरिए 3 योजनाओं की घोषणा की। रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से लाई गईं इन योजनाओं के लिए कुल केंद्रीय परिव्यय 1.07 लाख करोड़ रुपए है। निर्मला सीतारण ने बजट भाषण में कहा, ‘हमारी सरकार प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 3 योजनाएं लागू करेगी।’ उन्होंने कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार इससे जुड़ने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन देंगी। इनसे कर्मचारियों और नियोक्ताओं को समर्थन मिलेगा।
उन्होंने सदन को बताया कि सभी संगठित क्षेत्रों में पहली बार ईपीएफओ की योजनाओं से जुड़ने वालों को योजना-क के तहत एक महीने का वेतन सरकार देगी। ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को 3 किस्तों में एक महीने का वेतन दिया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपए तक होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता सीमा एक लाख रुपए प्रति माह वेतन होगी। इस योजना से 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है। तीनों योजनाओं के लिए कुल केंद्रीय परिव्यय 1.07 लाख करोड़ रुपए (योजना-क के लिए 23,000 करोड़ रुपए, योजना-ख के लिए 52,000 करोड़ रुपए और योजना-ग के लिए 32,000 करोड़ रुपए) होगा।