मादा तेंदुए की मृत्यु को लेकर वन विभाग का दावा, लीवर में खराबी से हुई मृत्यु

वन विभाग की टीम ने जाल फेंक कर उसे पकड़ लिया। पशु चिकित्सकों की टीम ने उसकी जांच कर उसे बीमार पाया और उपचार आरंभ किया।

बड़वानी: मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के पानसेमल वन परिक्षेत्र स्थित एक खेत से पकड़ी गयी मादा तेंदुआ की उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। वन विभाग ने दावा किया कि लिवर में संक्रमण के चलते उसकी मृत्यु हुई है।

सेंधवा के डीएफओ आई एस गडरिया ने बताया कि कुछ दिनों पहले पानसेमल के वन परिक्षेत्र के निसरपुर क्षेत्र में एक तेंदुआ देखा गया था। उसके बार-बार खेतों के नजदीक आने पर किसानों की मांग पर पिंजरा लगाया गया था। कल रात्रि प्रेम सिंह के खेत में उसे तेंदुए को बेहद सुस्त रूप में देखा गया।

वन विभाग की टीम ने जाल फेंक कर उसे पकड़ लिया। पशु चिकित्सकों की टीम ने उसकी जांच कर उसे बीमार पाया और उपचार आरंभ किया। उन्होंने बताया कि मादा तेंदुआ को आज हायर सेंटर में भेजे जाने की तैयारी की गई थी किंतु उसकी कल रात करीब 11:30 बजे मृत्यु हो गयी।

उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सकों की टीम से उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पशु चिकित्सकों ने बताया कि उसके लीवर का रंग बदला हुआ था और उसे डिहाइड्रेशन था। उन्होंने बताया कि उसके पेट में भोजन या पानी नहीं पाया गया। पशु चिकित्सकों ने बताया कि लीवर में संक्रमण के चलते मादा तेंदुए ने कुछ दिनों से भोजन नहीं किया।

डीएफओ ने स्पष्ट किया की मादा तेंदुए को प्वाइजनिंग किए जाने की बात सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में यह प्रतीत हुआ कि किसानों के कीटनाशक के प्रभाव से तेंदुए की यह स्थिति हुयी है। उन्होंने बताया कि विसरा प्रिजर्व कर सागर स्थित प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। उच्च अधिकारियों को सूचित कर आज सायं मादा तेंदुए का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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