नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को मांगें पूरी न होने पर सितंबर 2022 में संसद को उड़ाने की कथित धमकी देने के मामले में दोषी ठहराया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने हालांकि उन्हें विस्फोटक रखने और इसके जरिए जान को खतरे में डालने या चोट पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि राज्यसभा के महासचिव के कार्यालय को कथित तौर पर भेजे गए पार्सल में पाए गए पदार्थ की जांच करने पर पता चला कि वह विस्फोट करने की क्षमता के मामले में हानि रहित है।
अदालत के 18 फरवरी के फैसले में कहा गया, हालांकि विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 5(ए) (विस्फोटक पदार्थ के माध्यम से जीवन को खतरे में डालना) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी(1)(बी) (विस्फोटक पदार्थ का निर्माण, आयात या निर्यात) के तहत आरोप साबित नहीं हुए, फिर भी यह स्थापित हो गया कि आरोपी ने एक पत्र भेजा था, जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वह भारत की संसद को उड़ा देगा।अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग 2 (जान से मारने या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत दोषी ठहराया, जिसके लिए अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है। न्यायाधीश 27 फरवरी को सजा पर दलीलें सुनेंगे।