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किसानों की कर्ज माफी से लेकर कर्ज मुक्ति व लाभप्रद खेती कांग्रेस का लक्ष्य: भूपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़ : किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फार्मूले के तहत कानूनी गारंटी के साथ एमएसपी दी जाएगी। कर्ज माफी ही नहीं, किसानों की पूर्णत: कर्ज मुक्ति और कृषि को लाभप्रद व्यवसाय बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। साथ ही खेती को भी इंडस्ट्री की तरह सरकारी सहायता व बैंकिंग रियायतें दी जाएंगी। रायपुर में चल रहे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में पार्टी की तरफ से ये लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण विषय पर बनी कमेटी ने अधिवेशन में प्रस्ताव पेश कर पार्टी के तमाम लक्ष्यों की विस्तार से जानकारी दी।

अपने संबोधन में हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार की संवेदनहीनता के कारण आज किसान उदास और आंदोलित है। वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। आज भारत का किसान ना तो खुश है, ना खुशहाल। लेकिन किसान बेसहारा नहीं है, किसान बेचारा नहीं है, किसान चुप है लेकिन गूंगा नहीं है, किसान सो रहा है लेकिन मरा नहीं है। किसानों के पसीने से मिट्टी सोना उगलती है लेकिन किसान का खून जब मिट्टी में मिलता है तो क्रांति जन्म लेती है। कांग्रेस पार्टी उनकी आवाज और उनकी तकलीफों की साझीदार है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि किसानों की स्थिति में सुधार के बिना देश तरक्की नहीं कर सकता। इसके लिए सबसे जरूरी है उन्हें एमएसपी का अधिकार और कानून देना। इसके तरह एमएसपी से कम दाम पर कृषि उपज खरीदना दंडनीय अपराध हो। इतना ही नहीं फसल की कीमत सी2 लागत पर 50% लाभ जोड़कर तय होनी चाहिए, जैसा कि स्वामीनाथन आयोग और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता वाले मुख्यमंत्रियों के समूह ने 2010 में सिफारिश की थी। एमएसपी की दायरे को और बढ़ाकर अन्य फसलों पर भी लागू किया जाना चाहिए। अदरक, लहसुन, हल्दी, मिर्च से लेकर बागवानी तक सभी कृषि उत्पादों को गारंटी कीमत का कवर मिलना चाहिए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों पर खतरनाक रूप से बढ़ते जा रहे कर्ज के बोझ को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करती है। इसके चलते किसान आत्महत्या तक करने को मजबूर हो रहे हैं। मौजूदा बीजेपी सरकार के दौरान किसानों पर कुल बकाया कर्ज 2021-22 में बढ़कर ₹23.44 लाख करोड़ हो चुका है, जो कि 31 मार्च, 2014 तक ₹9.64 लाख करोड़ था। यूपीए सरकार ने 2007 में किसानों के लिए ₹72,000 करोड़ की कर्ज माफी योजना को लागू किया था। वर्तमान सरकार ने इसे पूरी तरह से राज्यों पर छोड़कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

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