नई दिल्ली: सत्यवती कॉलेज (सांध्य) दिल्ली विश्वविद्यालय के सहयोग से G20 सांस्कृतिक-सह-शैक्षणिक गतिविधियों के हिस्से के रूप में G20 शिखर सम्मेलन और भारत-इंडोनेशिया: ब्रिजिंग कल्चर्स एंड बिल्डिंग ईकॉनॉमीज़ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर श्री प्रकाश सिंह, निदेशक, दक्षिणी परिसर और शिक्षाविद् जगदीश मित्तल रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृति परिषद के चेयर पर्सन अनूप लाठर रहे। इस अवसर पर संस्कृति परिषद के संयुक्त डीन डॉ. हेमंत वर्मा भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने भारत की G20 अध्यक्षता के महत्व और वैश्विक राजनीति पर पड़े प्रभाव पर अपने विचार रखे।
प्रो. श्री प्रकाश ने G20 के अर्थों के बारे में सभी छात्रों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक संवाद शुरू करने में शामिल संस्थानों के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय और सत्यवती कॉलेज (सांध्य) द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। श्री जगदीश मित्तल जी ने ” वसुधेव कुटुंबकम ” के विचार और भारत की व्यापक संस्कृति और दर्शन के बारे मे अपने विचार रखे। उन्होंने इंडोनेशिया के सबसे बड़ी आबादी वाले द्वीप राष्ट्र होने के बारे में तथ्य साझा किए और यह भी प्रदर्शित किया कि कैसे रामायण और महाभारत इंडोनेशिया के लोकाचार और जीवन शैली के केंद्र में रहे हैं।
अनुप लाठर ने विद्यार्थियों के मध्य अपना संबोधन एक बुनियादी सवाल के साथ शुरू किया: हम अभी भी G20 के बारे में क्यों बात कर रहे हैं और जश्न क्यों मना रहे हैं? बैठकें ख़त्म हो गई हैं और अध्यक्षता अफ़्रीकी संघ को सौंप दी गई है. ये चर्चाएँ क्यों जारी हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि G20 की अध्यक्षता एक आजीवन उपलब्धि है जिस पर भारत खरा उतरा है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो जीवन भर भारत के साथ जुड़ी रहेगी।
5 और 6 अक्टूबर को आयोजित इस कार्यक्रम के पहले दिन अकादमिक संगोष्ठियों और पैनल चर्चाओं का आयोजन प्रो. हरीन्द्र कुमार, प्राचार्य (O.S.D.) एवं दुर्गेश वर्मा जी नोडल अधिकारी के नेतृत्व में किया गया। अपने स्वागत भाषण में कॉलेज के प्राचार्य प्रो हरीन्द्र कुमार ने समसामयिक राजनीति पर छात्रों को एक साथ लाने की कॉलेज समुदाय की तत्काल आवश्यकता पर विचार रखे इसी कड़ी में उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत भी किया।
उद्घाटन सत्र के बाद, अकादमिक संगोष्ठी के पहले भाग में वक्ता श्री बसीर अहमद, मिशन के उप प्रमुख, भारतीय दूतावास, जकार्ता, इंडोनेशिया और प्रो हर्ष वी पंत जी उपाध्यक्ष-अध्ययन और विदेश नीति, ऑगर रिसर्च फाउंडेशन रहे, अहमद ने जकार्ता से ऑनलाइन माध्यम से भारत और इंडोनेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साझा किया कि दोनों देशों के पास दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि भारत इंडोनेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इसी कड़ी में प्रो हर्ष ने कहा कि G20 की अध्यक्षता ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया है और बताया कि G20 को भारत मंडप से कक्षाओं तक लाने में की ताकि और छात्र वैश्विक विचारों से जोड़ने में कैसे कारगर हो सकता है इस पर विचार प्रस्तुत किये।
इसी कड़ी में ‘संस्कृति और सभ्यता: भारत और इंडोनेशिया’ विषय पर एक पैनल चर्चा को प्रांरभ किया जिसमें प्रो रंजना मुखोपाध्याय, श्री जीतेश खन्ना, संस्थापक, साइप्रस प्रमोटिंग प्राइवेट लिमिटेड, डॉ. अमित सिंह, वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, आत्मा राम सनातन आदि ने G20 एवं भारत-इंडोनेशिया के सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक परिवेश पर अपने विचार छात्रों एवं शिक्षकों के मध्य में रखे।
इन चर्चाओं के बाद हम अपने अकादमिक सेमिनार के दूसरे भाग में श्री मनोज वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार ने G20 कार्यक्रम को लेकर जो उनके अनुभव कवर करने के दौरान रहे उनको छात्रों के मध्य में रखा। अंत में प्रो श्रीराम सुंदर चौवालिया ने वैश्विक राजनीति पर G20 की अध्यक्षता के प्रभाव और भारत की विदेश नीति के बदलते चेहरे और प्राथमिकताओं को दोहराया और छात्रों को Y20 जैसी पहल का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ में कार्यक्रम का पहला दिन का समापन हुआ।