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फ़र्ज़ी वेबसाइट के जरिए धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार

नई दिल्ली : शाहदरा साइबर थाना पुलिस ने दिल्ली एनसीआर, बिहार से 7 लोगों की गिरफ्तारी के साथ धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इन लोगों ने फ़र्ज़ी वेबसाइट के जरिए करीब 5 करोड़ रुपये का लोगों को चूना लगा दिया था। पुलिस द्वारा 3 आरोपियों को बिहार से और 4 आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी रोहित मीणा ने दैनिक सवेरा को बताया कि आरोपी अब तक देश भर में 2100 से अधिक शिकायतों और 67 एफआईआर से सीधे जुड़े हुए हैं। इनके पास से 11 मोबाइल फोन, 100 से अधिक सिम, ज्यादातर फ्रॉड आईडी पर, 3 लैपटॉप, 4 चेक बुक, 5 एटीएम बरामद किये है।

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शिकायतकर्ता विजय पाहवा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता विजय पाहवा ने आरोप लगाया कि वह एक ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदना चाह रहे थे, जिसके संबंध में शिकायतकर्ता ऑनलाइन सर्फिंग कर रहा था, इसी दौरान वह http://energy.simpleone.online वेबसाइट पर गया, जिस पर इलेक्ट्रिक स्कूटी उपलब्ध थीं। लिंक पर क्लिक करने पर शिकायतकर्ता को एक संपर्क नंबर मिला। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने उपरोक्त वेबसाइटों पर दर्शाए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, जिसने उसे ऑनलाइन स्कूटी बेचने का आश्वासन दिया और उसे चयन के लिए स्कूटी के विभिन्न मॉडल भेजे। इस प्रकार शिकायतकर्ता उनके झूठे आश्वासन में फंस गया और उसने कथित व्यक्तियों को 1,15,560/- रुपये की राशि का भुगतान कर दिया और उसके बाद आरोपी व्यक्तियों ने उसे जवाब देना बंद कर दिया। एक जैसी दिखने वाली वेबसाइट और उसके उत्पाद दिखाकर शिकायतकर्ता को ठगा गया।

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मामले को सुलझाने और आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन शाहदरा की टीम ने कॉलिंग नंबरों की सीडीआर, खाते से किए गए कथित ऑनलाइन लेनदेन, व्हाट्सएप प्रोफाइल के इकट्ठा किए और उनका विश्लेषण किया। उपर्युक्त विवरण के विश्लेषण के बाद दिल्ली में -81 छापेमारी की गई, जहां गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद आगे के तकनीकी विश्लेषण के बाद वारसिलीगंज, बिहार में छापेमारी की गई और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ​उपरोक्त आरोपी व्यक्ति के पास से बरामद डिवाइस के विश्लेषण के दौरान यह पता चला कि आरोपी व्यक्ति पिछले 02 वर्षों से लोगों को धोखा दे रहे थे और 2100 से अधिक लोगों को धोखा देने में सीधे तौर पर शामिल हैं, अब तक उनके खातों में 4 करोड़ से अधिक की रकम का पता चला है, और भी जांच में खाते सामने आ रहे हैं और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। कुछ अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

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