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ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों को समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए बनेगा जेंडर इंक्लूजन फंड

‘न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा’ पर फोकस करती राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 इस विचार को प्रतिध्वनित करती है कि किसी भी बच्चे को उसकी पृष्ठभूमि और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान के कारण शैक्षिक अवसर के मामले में पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसमें सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों (एसईडीजी) की चिंताओं को ध्यान में रखा गया है जिसमें महिला और ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं। इसके अतिरिक्त एनईपी राज्यों और स्थानीय सामुदायिक संगठनों की साझेदारी से शिक्षा में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए लैंगिक आधार को एक वैकल्पित प्राथमिकता के रूप में देखने का सुझाव देती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विशेष रूप से लड़कियों और ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के लिए एक जेंडर इंक्लूजन फंड (जीआईएफ) स्थापित करने का प्रावधान करती है ताकि सभी लड़कियों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों के लिए समान गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की राष्ट्र की क्षमता का निर्माण किया जा सके। बालिकाओं के लिए समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एनईपी के उद्देश्यों को सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों (एसईडीजी) के लिए समर्पित संसाधनों को आवंटित करके समग्र शिक्षा 2.0 के तहत विशिष्ट प्रावधानों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।

समग्र शिक्षा के अंतर्गत बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न उपायों को लक्षित किया गया है, जिनमें बालिकाओं की पहुंच को आसान बनाने के लिए पड़ोस में स्कूल खोलना, बालिकाओं को आठवीं कक्षा तक निःशुल्क पोशाक और पाठ्य-पुस्तकें, दूरवर्ती क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए अतिरिक्त शिक्षक तथा शिक्षकों के लिए आवासीय क्वार्टर, महिला शिक्षकों सहित अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति, सीडब्ल्यूएसएन की बालिकाओं को कक्षा एक से कक्षा बारहवीं तक स्टाइपेंड, बालिकाओं के लिए अलग शौचालय, बालिकाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक संवेदीकरण कार्यक्रम, पाठ्य पुस्तकों सहित लैंगिक संवेदनशीलता शिक्षण-लर्निंग सामग्री आदि शामिल हैं।

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