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मनरेगा को खत्म करने में लगी है सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को खत्म करने में लगे हुए हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि भाजपा ने पारदर्शिता का बहाना बनाकर कांग्रेस सरकार में शुरू की गई आधार तकनीक को गरीबों के खिलाफ एक हथियार में बदल दिया है। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, मनरेगा 2004 के लोकसभा चुनाव के लिए हमारे घोषणापत्र के मुख्य वादों में से एक था। हमने एक साल के भीतर ही अपना यह वादा पूरा करते हुए 2005 में कानून पारित किया और 2006 के शुरुआत में इसे लागू किया। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत के लिए परिवर्तनकारी साबित हुई है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, पिछले 18 वर्षों के अध्ययन से पता चलता है कि इससे ग्रामीण आय में वृद्धि हुई है, ग़रीबी और भुखमरी में कमी आई है और यह महिलाओं और एससी/एसटी/ओबीसी के श्रमिकों के लिए सबसे ज़्यादा लाभदायक साबित हुआ है।

रमेश के अनुसार, मनरेगा से श्रमिकों को सम्मान मिलता है क्योंकि इसके तहत रोजग़ार अधिकार के रूप में मिलता है, न कि रेवड़ी के रूप में, जैसा कि प्रधानमंत्री बोला करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया, नरेन्द्र मोदी का मनरेगा श्रमिकों का अपमान करने का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है। वह कहते हैं कि इससे सिर्फ ग़रीबों से गड्ढा खुदवाया जाता है। शायद उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि अपनी मेहनत से मनरेगा श्रमिक भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं – वे सिंचाई टैंक, सड़क, नहर, जंगल, बांध और भी बहुत कुछ बना रहे हैं। उन्होंने कहा, 2015 में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह मनरेगा को कांग्रेस की विफलताओं के जीवित स्मारक के रूप में जीवित रखेंगे। लेकिन कोविड लॉकडाउन के दौरान उन्हें इसकी कीमत समझ आई होगी, जब मनरेगा ने एक लाख करोड़ से अधिक की आय के साथ पूरे भारत में करोड़ों श्रमिकों को अपनी जीविका चलाने में मदद किया। रमेश ने दावा किया कि प्रधानमंत्री को एक महामारी के बाद यह एहसास हुआ कि मनरेगा ग्रामीण भारत को फसल के नुक़सान और आíथक संकट जैसी आपात स्थितियों के खिलाफ़ ‘बैकअप’ प्रदान करता है।

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