चंडीगढ़: किसान की सुरक्षा के लिए सरकार ने बीमा कंपनियों से ताल-मेल करके फसल बीमा योजनाओं को लागू किया है।जोकि कल्याणकारी राज्य द्वारा उठाया गया एक हितकारी कदम है। परंतु पिछले कुछ समय से बीमा की सभी किश्तें टाइम पर भरने के बावजूद भी किसान को फसल के नुक़सान की भरपाई राशि न मिलने की शिकायतें आ रही थी।
ऐसा ही एक मामला फतेहाबाद के किसान जिले सिंह ने उठाया।जिसे हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने विशेष मामला माना। कार्यवाहक चेयरमैन दीप भाटिया ने बीमा कंपनी व बैंक के अधिकारियों को चंडीगढ़ तलब किया और किसान के साथ समझौता कराया।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक चेयरमैन दीप भाटिया ने बताया कि आमतौर से इस तरह के मामलों में आयोग दखल नहीं करता लेकिन विशेष परिस्थितियों में जहाँ हम स्पष्टता देख पा रहे है कि बैंक या बीमा कंपनी की गलती की वजह से बिना कारण ही किसान को भुगतना पड़ रहा है।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने मानवीय आधार पर दखल देकर किसान और बीमा कंपनी में समझौता कराया।समझौते के अनुसार बीमा कंपनी 30 दिनों के भीतर किसान को ₹1.40 लाख की फसल बीमा की रक़म अदा करेगी। हरियाणा मानवाधिकार आयोग के कार्यवाहक चेयरमैन दीप भाटिया ने कहाँ कि सरकार जब किसानों के हित के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाएँ लेकर आती है तो बीमा कंपनी और बैंक को नैतिक आधार पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिना अधिक काग़ज़ी करवायी के किसान को सरकार की स्कीमों का सारा और सही लाभ समय से मिले।