Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

मानपुर गांव स्थित कशेरूआ खेरा पुरास्थल पर उत्खनन कार्य प्रारंभ, टीले की खुदाई के बाद इतिहास के कई राज खुलेंगे

हरियाणा: पलवल जिला के हथीन उपमंडल के अंतर्गत आने वाले मानपुर गांव में कशेरूआ खेड़ा पुरास्थल पर उत्खनन कार्य शनिवार से शुरू हो गया। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह टीला 3000 साल से भी पुराना है और इसकी खुदाई के बाद इतिहास के कई राज यहां खुलने वाले हैं। जिससे देश की विरासत को नया आयाम और देश की विरासत के अध्ययन को नया आयाम मिलेगा। मानपुर गांव स्थित कशेरुआ खेरा टीले की खुदाई की शुरुआत के अवसर पर पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक, डा. संजय कुमार मंजूल, क्षेत्रीय निदेशक निदेशक डा.अरविन मंजूल , हथीन के एसडीएम लक्ष्मी नारायण, अधीक्षण पुरातत्वविद डा. गुंजन कुमार श्री वास्तव मौजूद रहे। पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक डॉ मंजुल उत्खनन कार्य का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह किला इतिहास के कई राज अपने अंदर दबाए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक महत्व के इस टीले की खुदाई के लिए पिछले काफी समय से प्रयास चल रहे थे जो अब सिरे चढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस उत्खनन कार्य के बाद कई महत्वपूर्ण अनुसंधान के कार्य संपन्न होंगे। सहायक पुरातात्विक कुमार रमेश ने टीले की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सबसे निचली परत कम से कम तीन हजार साल पुराना है। यहाँ से अभी मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिले हैं। एसडीएम लक्ष्मीनारायण ने उत्खनन कार्य प्रारंभ होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए इस कार्य में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। उत्खनन शाखा-।। के अधीक्षण पुरातत्वविद डा. श्रीवास्तव ने समारोह में उपस्थित लोगों का अभिवादन किया एवं उत्खनन कार्य से अपेक्षित सकारात्मक परिणाम की उम्मीद व्यक्त की। समारोह में सहायक पुरातत्वविद, कुमार सौरभ , एवं उत्खनन शाखा-।। के अन्य कर्मचारीयो की पूरी टीम यहां अपने कार्य में लग गई है।

मानपुर पंचायत के सरपंच एवं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पुरातत्व विभाग के अनुसार यहां पर पूर्व काल में कोई शहर या न कर रहा होगा ऐसी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है बुजुर्गों के अनुसार इसे उजड़ खेड़ा के नाम से जाना जाता है। सदियों पहले यह खेडा पलट गया। जिससे यहां की तमाम चीजें उलट पलट हो गई। इस टीले और आसपास लगभग 12 एकड़ जमीन बताई जा रही है। जिसके नीचे की खुदाई होने पर पुरातात्विक महत्व की बहुत सी चीजें मिलने की संभावना है। कशेरूआ खेडा पर उत्खनन कार्य को देखकर लोगों में काफी रुचि पैदा हो गई है। गांव के सरपंच देवीराम ने बताया कि वर्तमान में गांव 1200-1300 वर्ष पहले बसा था। फाइल नंबर एक से तीन शॉर्ट्स फाइल नंबर 4 टीले ले के ऊपर मिले नाइंथ कक्षा के छात्र हरकेश ने पुरातत्वविद उत्खनन टीम से मिली जानकारी शेयर की।

Exit mobile version