Farmer Protest : किसानों के एक समूह ने परियोजना के लिए 2010 में अधिग्रहित अपनी जमीन के मुआवजे को लेकर यहां प्रदर्शन करते हुए एक औद्योगिक मॉडल टाउनशिप का निर्माण कार्य रोक दिया। पुलिस ने इसके बाद महिलाओं सहित 100 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि रोजका मेव थाने में 53 महिलाओं समेत 107 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
किसानों ने कहा कि आईएमटी रोजका मेव के लिए, नौ गांवों – खेड़ली कांकर, महरोला, बड़ेलकी, कंवरसिका, रोजका मेव, धीरुडुका, रूपाहेडी, खोड (बहादरी) और रेवासन – में फैली 1,600 एकड़ जमीन 2010 में अधिग्रहित की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिला।
पुलिस ने बताया कि उचित मुआवजे की मांग कर रहे किसान 28 फरवरी से धीरुडुका गांव में धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने धीरुडुका गांव में आईएमटी रोजका मेव का काम रुकवा दिया। इसके बाद हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) के कर्मचारी मशीनें लेकर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और अपना काम शुरू किया।
इसी दौरान सैकड़ों किसान जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, कार्य स्थल पर पहुंच गए। पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच कहासुनी हो गई और किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक वे काम नहीं होने देंगे।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन किसान अधिक जमीन मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान एक बुजुर्ग महिला बेहोश भी हो गई, जिसे अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि इसके तुरंत बाद सैकड़ों किसानों ने मशीनों को चारों तरफ से घेर लिया और कहा कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं, चाहे इसके लिए उन्हें जेल क्यों न जाना पड़े।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में लिया और बसों में भरकर थाने ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि शाम को HSIIDC के एक अधिकारी की शिकायत पर 107 लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने समेत विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई।