लेकिन प्रशासन से वार्ता विफल रही। भाकियू प्रदेश प्रेस प्रवक्ता जोगेंद्र मैयड़ ने बताया आज किसान और मजदूर कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। यह सरकार की गलत नीतियों के कारण हो रहा है। विदेशों में जिस किसान के पास दो एकड़ जमीन भी है वह कार लेकर खेत में जाता है, लेकिन हमारे देश के किसान व मजदूरों की लुटिया सरकारों ने डुबो दी है।
सत्ता में बैठे नेता अपनी तिजोरियां भर रहे हैं और देश को लूटने का काम कर रहे हैं। किसान, मजदूर और बेरोजगार होते युवाओं की उन्हें कोई चिंता नहीं है।जोगेंद्र मैयड़ सुरेश कोथ चरण पाल सिंह ने बताया कि किसानों ने राष्ट्रीय मुद्दों एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून लागू करवाना, किसान और मजदूर संपूर्ण कर्ज मुक्ति, मनरेगा को कृषि से जोडक़र मनरेगा मजदूरों की 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए
सी2 जमा 50 के तहत यानी की लागत का डेढ़ गुना भाव देकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। बेरोजगार होते युवाओं को रोजगार देने आदि मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एडीसी को ज्ञापन सौंपा। साथ ही उन्होंने बताया कि 72 गांवों के किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है जिससे उनमें भारी रोष है। अगर 25 जनवरी तक यह बकाया मुआवजा नहीं मिला
तो 26 जनवरी को किसान बड़ा आंदोलन करेंगे। आज इसकी घोषणा सामुहिक रूप से की गई कि 26 जनवरी को बड़ा आंदोलन होगा। इसके अलावा किसानों की एक और बड़ी समस्या आवारा पशुओं की है वह भी किसानों ने प्रशासन के समक्ष रखी। क्योंकि आवारा पशु किसान की फसल को चट कर जाते हैं और उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
अगर प्रशासन ने जल्द ही इसका कोई प्रबंध नहीं किया तो किसान सभी आवारा पशुओं को डीसी ऑफिस के सामने छोडक़र जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार समय रहते इन सभी मांगों को मान ले नहीं तो किसान और मजदूर जोरदार विरोध आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएगा और आने वाली 2024 में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।