Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rocket domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114
4peopleincludingthreemanagersprivatebankarrestedofcyberfraud
विज्ञापन

गुरुग्राम: साइबर धोखाधड़ी के आरोप में निजी बैंक के तीन प्रबंधकों समेत चार लोग गिरफ्तार

पुलिस अधिकारी ने कहा, ''तीनों आरोपी पिछले सात महीने से कोटक महिंद्रा बैंक में काम कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने बैंक में करीब 2,000 खाते खोले थे।

- विज्ञापन -

गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर धोखाधड़ी में संलिप्तता के आरोप में एक निजी बैंक के तीन प्रबंधकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उसने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान हरियाणा के मोहित राठी (25), गुरुग्राम के महेश कुमार (27), उत्तर प्रदेश के मूल निवासी विश्वकर्मा मौर्य (26) और हरियाणा के नूंह के हयात (23) के रूप में हुई है। तीनों लोग कोटक महिंद्रा बैंक की एमजी रोड शाखा में काम करते थे जहां राठी सहायक प्रबंधक पद पर थे जबकि कुमार और मौर्य उप प्रबंधक थे।

पुलिस उपायुक्त (साइबर) सिद्धांत जैन ने कहा कि हयात एक साइबर धोखाधड़ी गिरोह के सरगना का करीबी था। वह प्रबंधकों से बैंक खाते का विवरण प्राप्त करता था और गिरोह को वह जानकारी देता था।

पुलिस अधिकारी ने कहा, ”तीनों आरोपी पिछले सात महीने से कोटक महिंद्रा बैंक में काम कर रहे थे और इस दौरान उन्होंने बैंक में करीब 2,000 खाते खोले थे।” उन्होंने कहा कि वे बिलासपुर के स्थानीय लोगों को गुमराह करते थे और बैंक खाता किट प्राप्त करने के लिए उनके नाम से नए बैंक खाते खोलते थे। इन खातों का उपयोग साइबर धोखाधड़ी करने के लिए किया जाता था।

अधिकारियों ने कहा कि यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक निवासी ने पिछले साल 18 नवंबर को मानेसर के साइबर अपराध थाने में शिकायत दर्ज कराई।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे एक कॉल आई जिसमें दावा किया गया कि उसके बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मदद के लिए 10,000 रुपये भेजने के लिए कहा गया। उन्होंने इसके बाद पैसे ट्रांसफर कर दिए और बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।

पुलिस ने कहा कि उनकी शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई और राठी को 21 फरवरी को, कुमार को 22 फरवरी और विश्वकर्मा तथा हयात को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बताया कि इनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस उपायुक्त ने कहा, ”हम आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं और आरोपियों द्वारा खोले गए बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया जा रहा है।”

Latest News