चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों में बायोफ्यूल ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित करें ताकि चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैथल सहकारी चीनी मिल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बायोफ्यूल ब्रिकेटिंग प्लांट लगाने का कार्य शुरू किया गया है, जिसमें खोई से ब्रिकेट बनाकर हरियाणा के थर्मल पावर प्लांटों व अन्य उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है। इससे चीनी मिल की वित्तीय स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी तर्ज पर प्रदेश की अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी ऐसे प्लांट लगाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में सहकारी चीनी मिलों एवं किसानों के हित में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों तथा सहकारी चीनी मिलों की कार्यकुशलता में निरंतर हो रहे सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि चालू पिराई सत्र 2024-25 में 13 जनवरी तक शुगरफेड से जुड़ी सभी सहकारी चीनी मिलों ने कुल 113.56 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर 9.18 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है, जिससे औसत चीनी रिकवरी 8.70 प्रतिशत रही है।
पिछले पेराई सत्र 2023-24 में रोहतक, सोनीपत, जींद, पलवल, महम, कैथल और गोहाना सहकारी चीनी मिलों ने लगभग 7.14 लाख क्विंटल खोई बचाई तथा 1,630.31 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया।
बैठक के दौरान शुगरफेड के चेयरमैन धर्मबीर सिंह डागर ने चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सुझाव दिए।