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हरियाणा: चिकित्सकों के संगठन ने आज सरकारी अस्पतालों में सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया

चंडीगढ़। हरियाणा सिविल चिकित्सा सेवाएं (एचसीएमएस) संगठन ने चिकित्सकों की मांगें पूरी न होने के विरोध में बृहस्पतिवार को सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया है। वहीं राज्य सरकार ने हड़ताल से मरीजों पर पड़ने वाले असर पर विचार करने का संगठन से आग्रह किया है। एचसीएमएस संगठन के अध्यक्ष डॉ. राजेश ख्यालिया सहित चार चिकित्सक पंचकूला में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। ये चिकित्सक विशेषज्ञ कैडर का गठन, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती नहीं करना, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि कम करने सहित अनेक मांग कर रहे हैं।

डॉ. ख्यालिया ने बुधवार को कहा, पिछले कई महीनों से हमारी मांग के संबंध में हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन इन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसलिए हमने बा‘ रोगी विभाग (ओपीडी), आपातकालीन कक्ष, पोस्टमार्टम सहित स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बंद रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 18 जुलाई को हमें आश्वासन दिया था कि हमारी दो मांगों के संबंध में 24 जुलाई से पहले अधिसूचना जारी कर दी जाएगी लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा, हमने सरकार से एक महीने पहले कहा था कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं तो हम 25 जुलाई से सभी सेवाएं बंद कर देंगे।

राज्य सरकार द्वारा एचसीएमएस संगठन को बृहस्पतिवार को वार्ता के लिए निमंत्रण दिए जाने पर डॉ ख्यालिया ने कहा, हम बैठक में शामिल होंगे, लेकिन अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। हरियाणा के सरकारी चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाली एचसीएमएस को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने उनसे आग्रह किया है कि वे हड़ताल से आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें।

उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि.. आपके सदस्यों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी इन मांगों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हाल ही में मैंने मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों के साथ इन मामलों पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक बैठक की थी। हम आपकी मांगों के महत्व को समझते हैं और इसके लिए हम एक ऐसा समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं जो सभी संबंधित पक्षों के लिए भी संतोषजनक हो। उन्होंने कहा, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि हड़ताल से हमारे मरीजों और आम जनता पर पड़ने वाले प्रभाव पर विचार करें।

यह हमारी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध बनी रहें, खासकर उन लोगों के लिए जो जरूरत के समय हम पर निर्भर रहते हैं। राज्य के सरकारी चिकित्सकों ने 15 जुलाई को अपनी मांगों को लेकर दो घंटे की हड़ताल की थी। हड़ताल के कारण राज्य भर के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में बा‘ रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं प्रभावित हुई थीं।

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