Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

सों में खून के थक्के जम जाएं तो जल्दी करें उपचार अन्यथा स्वास्थ्य के लिए होगा बड़ा खतरा

हिसार: जिंदल अस्पताल मेंं थ्रोम्बोसिस जागरूकता माह के तहत चिकित्सकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कई चिकित्सक शामिल हुए और उन्होंने डीप वेन थ्रोम्बोसिस और पल्मोनरी एम्बोलिज्म से संबंधित हाल ही में हुए चिकित्सा अपडेट की जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में जिंदल अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ शेखर सिन्हा, डॉ अशोक चहल, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक भारद्वाज, डॉ सोनी खुराना, डॉ संदीप चौधरी ने चिकित्सकों को अनेक प्रकार की जानकारी से लाभान्वित किया।

उन्होंने बताया कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस, ब्लड क्लॉट की एक समस्या है, जो शरीर के नसों की गहराई में होता है। जब शरीर में खून गाढ़ा हो जाता है तब ब्लड क्लॉट की समस्या होती है। अगर नसों में खून के थक्के जमने का इलाज सही समय पर न किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। समय पर उचित उपचार नहीं हुआ तो रक्त का थक्का शरीर के अन्य हिस्सों से फेफड़ों तक जा सकता है, जिससे फेफड़ों में एक या अधिक धमनियों या रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप (पल्मोनरी एम्बोलिज्म) की घातक जटिलता हो सकती है।

उन्होंने बताया कि डीवीटी अस्पताल में भर्ती रोगियों में रोकथाम योग्य मृत्यु दर का प्रमुख कारण है लेकिन इसे रोका जा सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन और अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (नभ) के अनुसार, प्रत्येक अस्पताल में भर्ती रोगी को डीवीटी के जोखिम का आकलन करना चाहिए और जटिलताओं को रोकने के लिए उचित देखभाल करनी चाहिए।

Exit mobile version