Kapal Mochan on Kartik Purnima : उत्तर भारत के सबसे बड़ा कपालमोचन मेले के चौथे दिन ठीक 12 बजते ही आकाश एकदम से रंग बिरंगा हो गया और जमकर आतिशबाजी की गई। कई प्रदेशों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन के मुताबिक इस बार 8 लाख से ज्यादा लोग कपालमोचन तीर्थ पर पहुंचे।
कपाल मोचन मेले में कार्तिक पूर्णिमा की रात स्नान किया जाता है। मान्यता है कि यहां कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। कपाल मोचन में सिर्फ एक सरोवर नहीं है बल्कि 3 सरोवर है। श्रद्धालुओं ने सभी सरोवरों पर स्नान किया और मनोकामनाएं मांगी। रात के 12 बजते ही सभी सरोवरों पर आतिशबाजी की गई। श्रद्धालु एकदम से आस्था की डुबकी लगाने लगे। श्रद्धालु ने बताया कि कपाल मोचन आने से हमारे हर दुख दूर हो जाते हैं। हम यहां जो मन्नत मांगते हैं वह पूरी होती है। ऐसा नहीं है कि हम पहली बार इस मेले में आए हैं। हम लंबे समय से इस मेले में आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे।
मेला प्रशासक का कहना है कि इस मेले में करीब 10 लाख लोग पहुंचें। इस बार मिले को खास बनाने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए थे। उन्होंने बताया कि यहां कई प्रदेशों से लोग पहुंचते हैं। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।
बता दें कि यमुनानगर के बिलासपुर में स्थित कपाल मोचन तीर्थ उत्तर भारत का बड़ा पवित्र तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि यहां सभी 33 कोटी देवी देवता आए थे। वही सिखों के गुरु श्री गुरु नानक देव और श्री गुरु गोविंद सिंह भी यहां आए थे। भगवान शिव यहीं पर ब्रह्म हत्या दोष से मुक्त हुए थे और महाभारत के युद्ध के बाद पांडव यहां ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने आए थे।