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पटौदी में मुस्लिम दबंगों ने दलित परिवार पर किया हमला, चलाई गोलियां

पटौदी में सोमवार देर रात को हिंदू-मुस्लिम विवाद के कारण पूरे क्षेत्र में तनाव हो गया। बताया जा रहा है कि मुस्लिम दबंगों ने भीड़ का रूप लेकर एक दलित परिवार पर उस वक्त हमला कर दिया जब बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता उनकी मदद के लिए गए थे। भीड़ ने घर पर पथराव करने के साथ ही जमकर तोड़फोड़ की। घर के पास खड़ी गाड़ियों को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि यहां दबंगों द्वारा कई राउंड फायरिंग किए गए जिसमें एक व्यक्ति को गोली लगी है जिसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वारदात के बाद पूरे पटौदी क्षेत्र में तनाव का माहौल है। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया।

दरअसल, पटौदी के बाबरशाह मौहल्ले में रहने वाले राकेश के परिवार को कुछ दबंग लोग काफी लंबे समय से परेशान कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मुस्लिम समाज के इन दबंग लोगों द्वारा परिवार को हथियार दिखाकर इस कदर प्रताड़ित किया गया था कि उन्होंने पिछले एक सप्ताह से घर से बाहर निकलना ही बंद कर दिया। आरोपियों की घर के बाहर हथियार लहराते व परिवार को धमकी देने की वीडियो भी वायरल हुई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इन दबंगों से छुटकारा पाने के लिए राकेश ने अपने कुछ परिचितों को रेवाड़ी में फोन किया जिन्होंने सोमवार को इसकी सूचना बजरंग दल को दी। रेवाड़ी से गुड़गांव बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जब इसकी सूचना मिली तो वह सोमवार रात करीब साढ‍़े 9 बजे पटौदी के बाबरशाह मौहेल्ले में पीड़ित परिवार से बात करने पहुंचे। अभी बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता राकेश व उनके परिवार से बात कर रहे थे कि अचानक भीड़ ने घर पर पथराव करने के साथ ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान गोलियां भी चलाई गई हैं जिसमें एक गोली युवक के पेट में लगना बताया जा रहा है। इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसकी सूचना पुलिस को देते हुए परिवार की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित करने का प्रयास किया।

गली में पड़े दिखाई दे रहे यह पत्थर उग्र भीड़ की दास्तां बता रहे हैं। यह पत्थर साफ बता रहे हैं कि यहां किस कद्र दहशत भरा माहौल बना रहा है। गाड़ी की हालत देखकर लग रहा है कि उग्र भीड़ के हत्थे अगर यह परिवार लग जाता तो वह इन्हें जिंदा तक नहीं छोड़ते। बताया जा रहा है कि हमलावरों की संख्या 250 से भी ज्यादा थी। वारदात के कारण आसपास रहने वाले लोग भी दहशत में आ गए। सूचना मिलने के 10 मिनट बाद ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और पीड़ित परिवार को सुरक्षा के बीच पटौदी थाने में पहुंचाया। सूचना मिलते ही एसीपी व डीसीपी स्तर के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

इस परिवार पर हुआ हमला कोई पहली बार नहीं है। बल्कि इससे पहले 5 दिसंबर 2021 को भी इसी कद्र इस परिवार पर भीड़ ने हमला किया था। बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस ने उस वक्त एफआईआर तो दर्ज कर ली थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर आज तक पुलिस ने कुछ नहीं किया। यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो आज यह हमला दोबारा नहीं होता। फिलहाल मामले में पुलिस ने पीड़ित पक्ष से तो शिकायत ले ली है, लेकिन जिस तरह से एसीपी व डीसीपी स्तर के अधिकारी अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं उससे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि मामले में पुलिस किस तरह की कार्रवाई अमल में लाती है। फिलहाल गांव में माहौल शांतिपूर्ण बना रहे इसके लिए पूरे गांव को छावनी में तब्दील किया गया है।

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