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एनसीएलटी ने दिवाला कार्यवाही शुरू करने को लेकर गो फस्र्ट की याचिका स्वीकार की

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को ऋण शोधन कार्यवाही शुरू करने को लेकर स्वेच्छा से दायर गो फस्र्ट की याचिका स्वीकार कर ली।इसके साथ ही एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूíत रामलिंगम सुधाकर तथा एल एन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिये अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है। पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही के दौरान उसे चलाने के लिये निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर की मदद करने को कहा।

न्यायाधिकरण ने ऋण शोधन प्रक्रिया के लिये तात्कालिक खर्च को लेकर कंपनी को समाधान पेशेवर को पांच करोड़ रुपये भी देने को कहा। इसके अलावा, एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन में बनाये रखने और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करने के साथ किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं करने को कहा है। पीठ ने समाधान पेशेवर से आदेश के क्रियान्वयन के साथ कंपनी की सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने को कहा है। न्यायाधिकरण ने वाडिया समूह की एयरलाइन कंपनी तथा विमान पट्टे पर देने वाली इकाइयों की दलीलों को सुनने के बाद चार मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने याचिका का विरोध करते हुए अंतरिम सरंक्षण देने का आग्रह किया था।

गो फस्र्ट ने 17 साल से अधिक समय पहले उड़ान भरना शुरू किया था। एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया। प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूíत नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे।एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है। उसने स्वैच्छिक रूप से दिवाला कार्यवाही के लिये आवेदन दिया था। साथ ही वित्तीय बाध्यताओं पर अंतरिम रोक का आग्रह किया था। गो फस्र्ट पहले ही 15 मई तक टिकट की बिक्री निलंबित कर चुकी है। इंजन की आपूíत नहीं होने से कंपनी के 28 या आधे से अधिक विमान परिचालन में नहीं हैं।

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