प्रदेश की सरकार सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और हर बीमारी की मुफ्त दवाए उपलब्ध करवाने के लाख दावे करती है लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी अस्पतालों की फार्मेसी पर मरीजों को डॉक्टर द्वारा लिखी गई ज्यादातर दुआएं उपलब्ध नहीं होती जिसके चलते गरीब लोगों को बाहर से दवाई खरीदने पर मजबूर होना पड़ता है ।
दिखाई दे रही है तस्वीर फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल की फार्मेसी की है या भारी संख्या में मरीज सरकारी डॉक्टर द्वारा लिखी दवाई लेने के लिए हाथ में पर्ची लेकर लाइनों में लगे हुए हैं और जब कड़ी मशक्कत के बाद उनकी बारी आती है तो डॉक्टर द्वारा लिखी गई पांच दवा में से मात्र एक दो दवाई ही उन्हें नसीब हो पाती हैं ऐसे में गरीब आदमी को अपनी जेब से पैसे खर्च करके बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं। यहां पहुंचे यहां पहुंचे मरीजों ने बताया कि यहां इलाज तो अच्छा होता है लेकिन डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई उपलब्ध नहीं हो पाती और उन्हें मजबूरन बार से दवाई खरीदनी पड़ती है ।