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Hisar में पंचायत मंत्री Devendra Babli के खिलाफ सरपंचों का आक्रोश, E-Tendering का कर रहे विरोध

ग्रामीण स्तर पर होने वाले विकास कार्यां में ई-टैंडरिंग व दो लाख से कम लागत के कार्य सरपंचों द्वारा करवाए जाने के निर्णय का विरोध तेज हो गया है। जिलाभर के सरपंच व प्रतिनिधि आज खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के समक्ष एकत्रित हुए। पहले मुख्य द्वार की तालेबंदी गई। परिसर में बने अन्य कार्यालयों के कामकाज ठप्प होने पर धरना दे रहे सरपंचों ने मुख्य द्वार का ताला खोल दिया और पंचायत अधिकारी कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर धरना शुरू कर दिया।

धरने पर बैठे सरपंचों का कहना था कि चुने हुए विधायक अपनी मर्जी से विकास कार्य करवा सकते हैं लेकिन पंचायत मंत्री ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए सरपंचों द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों पर रोक लगा दिया। दो लाख रूपये की लागत के विकास कार्य करवाने की सरपंचों को छूट दी गई है जबकि ऊपर की लागत के लिए ई-टैंडरिंग लागू की गई है। सरपंचों का कहना है कि इससे गांवों के विकास कार्य प्रभावित होंगे। इसी के विरोध में आज प्रदेशभर में कार्यालयों की तालाबंदी की गई है।

जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती धरने जारी रहेंगे और कामकाज बंद रखा जाएगा। सरपंच हरपाल सिंह व सरपंच प्रतिनिधि भूपेन्द्र वैदवाला ने मीडिया को बताया कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के नाम पर सरपंचों की पावर छीनने का कार्य किया जा रहा है। पहले चुनाव समय पर नहीं करवाए गए और कामकाज भी विभाग के अनुसार होते रहे। अब तक नए सरपंच चुनकर आए तो सरकार ने तुगलकी फरमान जारी रहे अलग-अलग शर्तें थोप दी। उन्होंने कहा कि जब तक पहले की भांति सरपंचों को कामकाज करवाने की पावर नहीं मिलती और लगाई गई शर्तें नहीं हटाई जाती तब तक विभागीय कार्यालयों की तालाबंदी कर कामकाज ठप्प रखा जाएगा।

 

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