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डाकखाने में जमा राशि के नाम पर करोड़ों का घोटाला, पुलिस के पास पहुंचा नया मामला

नूंह: जिले में एक के बाद एक बड़े घोटाले उजागर हो रहे हैं। गरीब लड़कियों की शादी के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले में अभी मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ था कि अब डाकखाने में भी भारतीय जीवन बीमा निगम के तहत जमा होने वाले राशि में करोड रुपए का ठगी मामला पुलिस के पास पहुंचा है। पीड़ित लोगों ने सिटी थाना नूंह में उपरोक्त एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायत दे दी है।

पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है, लेकिन मुकदमा दर्ज करने से पहले कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। पीड़ित लोगों का कहना है कि पवन कालड़ा के साथ – साथ सुनील कुमार निवासी नूंह लंबे समय से एजेंट का काम करते थे। भारतीय जीवन बीमा निगम के नाम पर वह पिछले कई दशकों से नूंह शहर में एजेंट का काम करता था। लोगों को उस पर पूरा भरोसा था। जब खाता धारकों के खाते से रकम साफ होने लगी तो उन्होंने डाकघर के कर्मचारी व अधिकारियों से संपर्क साधा।

उन्होंने बताया कि पवन कालडा ने फर्जी कॉपियां बनवाई हुई थी और फर्जी हस्ताक्षर कर उसने करोड रुपए की रकम खातों से निकली है। जीवन भर की पाई – पाई की कमाई जोड़कर लोगों ने लाखों रुपए भारतीय जीवन बीमा के नाम पर डाकघर में एजेंट के माध्यम से जमा किए थे। पवन कालड़ा नाम का एजेंट रोजाना उन लोगों की डायरी व रजिस्टर में रकम व सिग्नेचर करके भी जाता था। जब लोगों को उनकी रकम की चपत की खबर लगी तो उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई।

ठगी के शिकार हुए लोगों का रो रोकर बुरा हाल है, लेकिन पवन कालड़ा, सुनील कुमार सहित इस गड़बड़ झाले से जुड़े हुए लोग गायब हैं और पीड़ित मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस थानों के चक्कर काट रहे हैं। अब देखना यह है की पवन कालड़ा तथा सुनील कुमार नाम के शख्स ठगी के शिकार हुए लोगों को रकम लौटा पाते हैं या फिर पुलिस मुकदमा दर्जकर इन एजेंटों में उनसे जुड़े हुए लोगों को हवालात की हवा खिलाने में कामयाब होती है। पीड़ित लोगों ने तो यहां तक कहा कि उनके साथ डाकघर नूंह के कर्मचारी व अधिकारी भी संलिप्त हैं।

बिना उनकी मिलीभगत के इस तरह का गबन नहीं हो सकता। सिटी थाना नूंह में अब लिखित शिकायत पहुंच चुकी है और पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई है, लेकिन एक के बाद एक बड़े घोटाले नूंह जिले में सामने आ रहे हैं। जिन भोले भाले लोगों को एजेंटों के द्वारा ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। शनिवार – रविवार को छुट्टी का दिन है, इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों से तथा पुलिस के बड़े अधिकारियों से पीड़ित परिवारों की मुलाकात संभव नहीं है। लेकिन जब से पीड़ित परिवारों को रकम डूबने का पता चला है तब से उनकी रातों की नींद और दिन का चेन पूरी तरह से गायब हो चुका है।

कुल मिलाकर ऐसे जालसाजों के खिलाफ पुलिस को सख्त से सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि फिर किसी गरीब की जीवन भर की कमाई को कोई डकार ना सके। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि डाकघर नूंह में भारतीय जीवन बीमा के नाम पर तकरीबन 40 – 50 करोड रुपए की ठगी का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मामले 2500 लोग पीड़ित बताए जा रहे हैं। करीब 15 सालों से लोग पवन कालड़ा एजेंट के तहत रकम जमा करा रहे थे।

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