हिसार: एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद में से एक बजरंग पुनिया को सेमीफाइनल मैच में हार मिली है. उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग बुरी तरह भड़क उठे। पिछले एशियाई खेलों के चैम्पियन बजरंग ने इन खेलों में भाग लेने से पहले किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था। यही नहीं कांस्य पदक मुकाबले में भी बजरंग को जापानी पहलवान ने 10-0 से हरा दिया। यानी बजरंग बिना मेडल के घर लौटेंगे।
बजरंग पुनिया सेमीफाइनल में पूर्व विश्व चैंपियन ईरान के पहलवान से 1-8 से हार गए हैं. पूरे मुकाबले के दौरान बजरंग कही से भी लय में नहीं लग रहे थे। बजरंग का कोई भी दांव फिट नहीं बैठा. वह एक के बाद एक लगातार प्वाइंट गंवा रहे थे। नतीजतन उनको हार मिली। बजरंग डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल थे. उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी।
विशाल कालीरमण ने 65 किग्रा का ट्रायल जीता था, लेकिन इस वर्ग में उन्हें स्टैंडबाई रखा गया था। उनके परिवार और कई पंचायतों का मानना था कि बजरंग को ट्रायल के बिना इन खेलों में मौका नहीं मिलना चाहिए था. पिछले एशियाई खेलों के चैम्पियन बजरंग इन खेलों में भाग लेने से पहले किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था।
बजरंग पुनिया जैसे ही सेमीफाइनल खेलने उतरे थे तमाम फैन्स को लग रहा था कि वो ईरानी पहलवान को हराकर सीधे फाइनल में जाएंगे, पर वह हार गए. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने यहां तक लिख दिया क्या इसलिए उनको डायरेक्ट एंट्री चाहिए थी। हालांकि कई लोगों ऐसे भी थे, जिन्होंने बजरंग का सपोर्ट किया। वहीं हिसार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विशाल के परिजनों का भी दुख झलकता नजर आया बेटे विशाल के एशियाई गेम्स में न जाने से दुखी विशाल के पिता सुभाष ने कहा कि बजरंग पूनिया की जो हार हुई है उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है बजरंग पूनिया ने सही तरीके से प्रेक्टिस नहीं की।
उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया को कई बार कहा था कि इस बार विशाल को मौका दे दे लेकिन बजरंग पुनिया बिना ट्रायल के चला गए। उन्होंने कहा कि बृजभूषण शरण सही कहते थे कि ट्रायल के साथ ही कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया को चैलेंज दिया गया था कि अगर विशाल को बजरंग पुनिया हरा देता है तो एक करोड़ रूपया इनाम दिया जाएगा लेकिन बजरंग पूनिया ने इस चैलेंज को स्वीकार नहीं किया।