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आंखों की कमजोर रोशनी के कारण वर्ल्ड कप में संघर्ष कर रहे थे शाकिब

डॉक्टर ने उन्हें आंखों की ड्रॉप दी और स्ट्रेस कम लेने की सलाह दी। शाकिब ने क्रिकबज से कहा, ’मुझे गेंद का सामना करने में काफी परेशानी हो रही थी। यह विश्व कप के एक या दो मैचों में नहीं है, बल्कि पूरे विश्व कप के दौरान मुझे यह परेशानी हुई।’

बांग्लादेशी कप्तान ने कहा, ‘जब मैं डॉक्टर के पास गया तो मेरे कॉर्नयिा या रेटिना में पानी था और उन्होंने मुझे ड्रॉप्स दी थी। साथ ही यह कहा गया था कि मुझे अपना तनाव कम करना होगा। मुझे नहीं पता है कि क्या यही कारण था। लेकिन जब मैंने अमेरिका में दोबारा जांच की तो कोई तनाव नहीं था।

मैंने डॉक्टर को बताया कि कोई विश्व कप नहीं है इसलिए स्वाभाविक रूप से कोई तनाव नहीं है। यह ऑलराउंडर, जो अक्सर अपनी टीम के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। बल्ले से अपनी लय पाने के लिए टूर्नामेंट में संघर्ष करता नजर आया और टूर्नामेंट में केवल 186 रन ही बना सका। फिर भी, शाकिब ने श्रीलंका के खिलाफ मैच विनिंग 82 रन की पारी खेली।

बांग्लादेश का अभियान, जो कभी आकांक्षाओं से भरा हुआ था लगातार हार की कहानी में बदल गया। नीदरलैंड के हाथों 87 रन की चौंकाने वाली हार को खुद शाकिब ने विश्व कप में बांग्लादेश की ‘अब तक की सबसे खराब‘ हार करार दिया। बांग्लादेश ने विश्व कप में अपना सफर नौ मैचों में केवल दो जीत और सात हार के साथ समाप्त किया।

बांग्ला टाइगर्स अंक तालिका में सातवें स्थान पर रहे। उथल-पुथल भरे अभियान के दौरान लगी उंगली की चोट ने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला और उसके बाद सफेद गेंद के दौरे में राष्ट्रीय टीम में शामिल होने से रोक दिया।

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