हरियाणा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके चलते प्रदेश के हालात भी दिन- प्रतिदिन बिगड़ने लगे हैं। बात अगर हरियाणा के पानीपत जिले की करे तो ये गैस चैंबर बन चुका है। यहां पर AQI 500 तक पहुंच चुका है वहीं 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है।
पानीपत में वाहनों की बढ़ती संख्या, जाम और इंडस्ट्रीज प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। पंजाब की बात करें तो पटियाला का AQI सबसे ज्यादा 209 दर्ज किया गया है।
बात करे दिल्ली-NCR की तो दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। जिस तरह प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। आज पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दोनों राज्यों से पराली जलाने से रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा था। पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं।
AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। और फिर धीरे-धीरे इन्फेक्शन, श्वास नलियों में सूजन की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसके जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती हैं।
आपको बता दे की राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 40, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई हैं।
वही फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। हरियाणा में एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं।
कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है।