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पहाड़ों की बर्फबारी से मैदानी इलाकों में लुढ़का पारा, ठंडी हवाओं से अंबाला बेहाल

वहीं किसान ठंड बढ़ने से काफी खुश दिखाई दे रहे है क्योंकि जितनी ज्यादा ठंड पड़ेगी उतनी फसल की पैदावार ज्यादा होगी खासकर गेहूं की फसल की।

अंबाला: पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी पड़ना शुरू हो गया है। पश्चिम से चलने वाली ठंडी हवाओं के कारण अंबाला में शीतलहर चलने लगी है जिसके कारण का ठंड बढ़ने लगी है और तापमान में गिरावट देखी जा रही है। अंबाला में अधिकतम तापमान 21° तो न्यूनतम तापमान 6° तक चला गया है।

वहीं किसान ठंड बढ़ने से काफी खुश दिखाई दे रहे है क्योंकि जितनी ज्यादा ठंड पड़ेगी उतनी फसल की पैदावार ज्यादा होगी खासकर गेहूं की फसल की। हालांकि बारिश का इंतजार अभी भी है किसानों को वहीं धुंध का भी किसान इंतजार कर रहे है। दिसंबर का महीना चल रहा है और लगभग आधा दिसंबर बीत चुका है।

दिसंबर का महीना हो और ठंड न हो ऐसा कभी हो सकता है देरी से ही सही ठंड ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है। पश्चिम से चल रही ठंडी हवाओं ने ठंड को बढ़ा दिया है। पिछले चार दिन से अंबाला में शीत लहर चलने लगी है जिसके कारण तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है।

अंबाला की बात करें तो अंबाला का दिन का तापमान 21° तो वहीं रात का तापमान 6° तक लुढ़क गया है। शीत लहर के कारण एक तरफ जहां आम जन जीवन प्रभावित हुआ है तो वहीं किसानों के चेहरों पर रौनक आ गई है और आए भी क्यों न ठंड फसलों के लिए काफी फायदेमंद होती हैं।

बता दें कि जितनी ज्यादा ठंड पड़ेगी उतनी ज्यादा फसलों की पैदावार होगी खासकर गेहूं की फसल के लिए तो ठंड किसी रामबाण से कम नहीं है। हालांकि किसानों का बारिश का इंतजार अभी बाकी है और किसान धुंध का भी इंतजार कर रहे है। किसानों का क्या कहना है शीतलहर के बारे में हमारी टीम ने इसके बारे किसानों से बात की जिसमें उन्होंने ठंड के फायदे बताए।

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