नूंह: मेवात जिले में टमाटर और प्याज की बढ़ी हुई कीमत ने थाली का जायका बिगाड़ दिया है । प्याज और टमाटर की कीमतों में एकाएक बढ़ोतरी हुई है । टमाटर के दाम लाल होता देख ग्राहक सब्जी की दुकानों पर टमाटर और प्याज की बढ़ी हुई कीमत सुनकर अब चकराने लगे हैं। गरीब लोगों ने तो टमाटर और प्याज खरीदना ही बंद कर दिया है, इसके अलावा हरी सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं।
लहसुन, हरा धनिया 400 के पार है। टमाटर बेंगलुरु से तो प्याज की सप्लाई नासिक व राजस्थान से आ रही है। इसी कारण दोनों सब्जियों के दाम पिछले माह की अपेक्षा कई गुणा बढ़े हैं । इसके अलावा अन्य सब्जियों के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। कृषि के जानकार कहते हैं कि अभी मेवात में टमाटर और प्याज की आवक मंडियों में शुरू नहीं हुई है।
स्थानीय स्तर पर होने वाली सब्जी आवक जल्द शुरू होगी, जिसमें टमाटर और प्याज भी शामिल हैं । स्थानीय सब्जी मंडियों में आना शुरू होते ही सब्जियों के दाम में गिरावट आएगी। लेकिन अभी सब्जियों के जो रेट हैं, उनसे गरीब आदमियों का जीना दुश्वार है। रोजमर्रा कमाने वाले लोग सब्जियां खरीदने से कतरा रहे हैं, क्योंकि एक दिन की मजदूरी इतनी नहीं होती कि जिससे एक किलो लहसुन वह एक किलो प्याज खरीद सके। जिससे गरीब आदमी सबसे ज्यादा मुश्किल में है।
लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले टमाटर के भाव कम थे, लेकिन पिछले 10 दिनों में दामों में दोगुना फर्क आया है। टमाटर महंगा होने से लोगों की थाली का स्वाद कम हुआ है । प्याज, आलू के दाम भी बढ़ने लगे हैं। यह दोनों सब्जियां ऐसी हैं, जिन्हें ज्यादा प्रयोग किया जाता है । दाम महंगे होने से लोग सब्जी कम खरीदने लगे हैं। जिससे सब्जी विक्रेताओं का आर्थिक नुकसान होने लगा है ।